साथ छोड़ चुका हूं हर उस शख्स का जो तुमसे जुड़ा है।
डा ० अर्चना मिश्रा शुक्ला# बाल गीत# कोरोना और बच्चों के मन में उठे विचार
बच्चों के मन की आवाज बच्चों के मन की बात कोरोना काल में एक सुंदर बाल गीत #डॉक्टर अर्चना मिश्रा शुक्ला
पंचवर्षीय सरकारों में ,अमीर- गरीब के मापदंडों में, मध्यवर्ग को ,बस वायदे ही थमाए जाते हैं ।
:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी#पढ़ता हूँ पोथी मैं लिखता हूँ गाथा।
बड़े प्रेम से छू चरण लिख रहा हूँ।।
बाकी है अभीतुमसे मिलकर मुस्कुरानाक्योंकि बाकी है अभीतुम को अपना बना करअपने सीने से लगाना।
लोकतंत्र #झूठ चलन में है#डॉक्टर अमिताभ शुक्ल का कोरोना काल में लोकतंत्र का विश्लेषण करती एक अद्भुत रचना
मंजू भारद्वाज# रचना का सफर#किन शब्दों से मैं करूँ इनकी अर्चना,पॉँव नही है पर विश्व भृमण करती है रचना।