धर्मपुर ,
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक व वर्तमान सरकार में मन्त्री महेंद्र सिंह ठाकुर को किसी फेम इंडिया संस्था द्वारा दिया गया बेस्ट मन्त्री का पुरस्कार किन कार्यों के लिए दिया गया है इस बारे तरह तरह की बातें हो रही हैं।इस पुरस्कार बारे सजाओपीपलु ज़िला परिषद वार्ड के सदस्य भूपेंद्र सिंह ने भी कई सवाल खड़े किए हैं और इस संस्था के सर्वेक्षण का क्या आधार है इस बारे अपनायी गयी प्रक्रिया पर भी सन्देह व्यक्त किया हैं।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि माननीय मन्त्री साहब एक दलबदलू नेता के रूप में हिमाचल प्रदेश में विख्यात हैं जो अब तक पांच अलग अलग पार्टियों में शामिल हो चुके हैं।विधायक बनने से पहले वे कुछ महीने वे फ़ौज में रहे और उसके लिए भी इस संस्था ने उनके योगदान को पुरस्कार के लिए सराहा है जबकि उनका फ़ौज में कोई योगदान नहीँ रहा है।उसके बाद वे ठेकेदार बने औऱ लम्बे समय तक उन्हें ठेकेदार के रूप में जाना जाता था। लेकिनआज उनका बेटा, जवाईं,भतीजे व आधा दर्जन रिश्तेदार ए श्रेणी के ठेकेदार हैं जो धर्मपुर में सभी सरकारी विभागों के ठेकों से करोड़ों रुपये कमा रहे हैं।उनके बेटे का संधोल में अवैध खनन के आधार पर स्टोन क्रशर चल रहा है जिससे सभी विभागों को रेत बजरी सप्लाई होती है।उन्हीं की जे सी वी सड़कें खोदती हैं और सारा पैसा उनके घर व रिश्तेदारों के घरों को जा रहा है।उनकी पत्नी जो गृहणी है उनका दस करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत का होटल मनाली में है। सिराज के शिकारी देवी घाटी औऱ चरखड़ी में सैंकड़ों बीघे के बगीचे हैं।इसके अलावा प्रदेश से बाहर भी करोड़ों की सम्पति है।धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान समय में उनका पूरा परिवार राज कर रहा है उनका बेटा अनाधिकारिक तौर पर विधायक की भूमिका निभा रहा है और बेटी कर्मचारिओं का तबादला उद्योग चला रही है।बेटी ने एक अलग स्वयंसेवी संस्था बनाई है जिसके माध्य्म से सरकारी विभागों से पैसा कमाने का काम चलाया हुआ है। मन्त्री जी को हिमाचल सरकार ने नियमों के विपरीत चार चार गाड़ियां दी हैं जिन्हें उनका परिवार इस्तेमाल करता है और लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। माननीय मन्त्री जनता को तो ये बताते फिरते हैं कि वे घर का खाना खाते हैं लेकिन आर टी आई के तहत हासिल किये गये बिलों से पता चला है वे प्रत्येक दिन का 1800 रु भोजन भता सरकार से ले रहे हैं।जो उनके दोगलेपन का सबूत है।धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में आई पी एच और लोक निर्माण विभाग के सारे ठेके उन्हीं के चेहतों को दिए जाते हैं और किसी प्रकार की पारदर्शिता नहीँ है। आई पी एच विभाग में की गई भर्तियां भी उनके इशारे पर बिना किसी इंटरवियू के कर दी गयी है जिसमें गरीब परिवार के बेरोज़गारों की उपेक्षा की गई है।विकास के कार्य एक समान रूप से न होकर भेदभाव पूर्ण तरीकों से किये जा रहे हैं।स्वास्थय, बिजली, परिवहन निगम में सैंकड़ों पद खाली पड़े हैं जिन्हें भरने में उनकीओर से कोई पहल नहीं है केबल ठीकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है।पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
जिस संस्था ने सर्वेक्षण करके सर्वश्रेष्ठ मन्त्री का ईनाम दिया वे मन्त्री की पृष्ठभूमि, वर्तमान कार्यों व उनके परिवारराज से अनभिज्ञ थी या जानबूझ कर इन सब बातों को नजरंदाज किया गया है
कियूंकि इस फेम इंडिया संस्था के बारे में ये भी जानकारी प्राप्त हुई है कि ये पैसे लेकर अपनी पत्रिका में ऐसे सर्वे करवाती है और पुस्कृत भी करती है लेकिन इस मामले में भी ऐसा हुआ होगा या नहीं इस बारे जनता को स्वयं ही सर्वे करके ईनाम देना चाहिए।