Wednesday, April 24, 2024
Follow us on
-
विशेष

हमीर उत्सव पर विशेष : बेशक सबसे छोटा लेकिन विकास में सबसे आगे है हमीरपुर, देश की सीमाओं पर तैनात हैं यहाँ के हज़ारों नौजवान

-
रजनीश शर्मा | December 05, 2019 04:27 PM
प्यारा हमीरपुर

 🔴 बहुप्रतिक्षित हमीर उत्सव 6 व 7 दिसंबर को 

🔵 मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर करेंगे शुभारंभ

🔵 महामहिम राज्यपाल शनिवार को करेंगे समापन 

 

हमीरपुर, 

बेशक भौगोलिक दृष्टि से हमीरपुर प्रदेश का सबसे छोटा जिला है लेकिन हमीरपुर स्वयं में समृद्ध इतिहास समेटे हुए हैं। विकास के मामले में हमीरपुर जिला बहुत आगे है।

प्रदेश का एकमात्र सैनिक स्कूल, एन॰आई॰टी॰, तकनीकी विश्वविद्यालय गाँव-गाँव में पहुँचा सड़कों का जाल, चारों तरफ़ से नेशनल हाईवे से जुड़ा हमीरपुर विकास के कई पन्ने लिख चुका है। हमीरपुर जिला से सम्बंध रखने वाले प्रेम कुमार धूमल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री बने तो अनुराग ठाकुर जैसे युवा नेता को केंद्र में वित्त मंत्रालय जैसा अहम विभाग मिला । ठाकुर जगदेव चंद को हमीरपुर के विकास पुरुष के रूप में हमेशा याद किया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व शांता कुमार द्वारा हमीरपुर जिला में पुलों व पेयजल की समस्या को खुले मन से दूर करने में हमेशा प्राथमिकता दी ।

 सेना , नौसेना और एयरफ़ोर्स में हमीरपुर के जवान हमेशा देश की रखवाली के लिए मुस्तैदी से तैनात हैं।

हमीरपुर जिला कांगड़ा का अभिन्न भूभाग रहा है। यह जिला पहली सितंबर, 1972 को अस्तित्व में आया। 18 वीं शताब्दी के प्रथम चरण में कांगड़ा क्षेत्र में कटोच वंश के उदय होने के साथ ही जिला हमीरपुर का नाम इतिहास में जुड़ा। इसका अस्तित्व राजा हमीर चंद के शासन काल से संबधित है, जिन्होंने 18 वीं शताब्दी में हीरा नगर के समीप सामरिक रूप से एक दुर्ग का निर्माण करवाया था उसी के नाम से जिले का नाम पड़ा हैं। राज हमीर चंद 1740- 1780 ई तक कागड़ा रियासत के शासक रहे थे।

ऐतिहासिक स्थल

जिला के सुजानपुर, नादौन तथा महल मोरियां के साथ इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। नौवीं व दसवीं शताब्दी में कांगड़ा राज्य में नादौन का राजकीय महत्व स्थापित हो गया था। त्रिगर्त की राजधानी नगरकोट में भी इस राज्य का प्रमुख राजकोष केंद्र नादौन रह चुका है। 1690 ई में गुरू गोबिंद सिंह की सेना ने नादौन की रणभूमि पर मुगल सेना को खदेड़ा था। सुजानपुर टीहरा का ऐतिहासिक रूप से विशेष स्थान है। इस नगर की स्थापना की नींव कांगड़ा नरेश घमंड चंद ने रखी थी और उनके पौत्र महाराज संसार चंद द्वारा इस नगर को गरिमा प्रदान की गई । इन्हीं के शासनकाल में सुजानपुर टीहरा होली उत्सव, व्रज भूमि की होली की सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि के आधार पर श्रद्वा व उल्लास से मनाया जाने लगा। महल मोरियां का किला जिला मुख्यालय हमीरपुर से 15 किलोमीटर की दूर पर ताल व महल गांव के बीच की पहाड़ी पर कुनाह खड्ड के किनारे स्थित है।

धार्मिक स्थल

जिले में प्रसिद्व दिव्य सिद्वपीठ बाबा बालक नाथ धाम दियोटसिद्व स्थित हैं। यहां पर चैत्र मास मेलों के दौरान देश विदेश से हजारों श्रद्वालु माथा टेकने आते हैं। मंदिर में दर्शनार्थ स्थलों में मुख्य गुफा - दर्शन बाबा जी का अखंड धूना, धार्मिक पुस्तकालय, भतृहरि मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर चरणपादुका व बाबा जी की तलाई शामिल हैं। हमीरपुर में मार्कण्डेय ऋषि की मूर्ति स्थापित हैं। बिल्केश्वर मंदिर अपने विख्यात हैं। गसोता महादेव का अपना धार्मिक महत्व लोगों में हैं। यही नहीं टौणीदेवी, अवाहदेवी व झनियारी देवी मंदिर है।


हमीरपुर उत्सव का अपना महत्व

हमीरपुर उत्सव का अपना ही महत्व हैं। प्राचीन संस्कृति को ज़िंदा रखने के लिए यहां के लोगों को लिए संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि देव भूमि व वीर भूमि के नाम विख्यात हमीरपुर जिला की जनता इसका आंनद उठा सके।

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और विशेष खबरें
उप राजिक मोहर सिंह छींटा सेवानिवृत वन चौकीदार से BO बनने तक का संघर्षपूर्ण सफर । नाम सक्षम ठाकुर योगा में हिमाचल और परिवार का नाम कर रहा ऊँचा विदेश से नौकरी छोड़ी, सब्जी उत्पादन से महक उठा स्वरोजगार सुगंधित फूलों की खेती से महकी सलूणी क्षेत्र के किसानों के जीवन की बगिया मौत यूं अपनी ओर खींच ले गई मेघ राज को ।हादसास्थल से महज दो किलोमीटर पहले अन्य गाड़ी से उतरकर सवार हुआ था हादसाग्रस्त आल्टो में । पीयूष गोयल ने दर्पण छवि में हाथ से लिखी १७ पुस्तकें. शिक्षक,शिक्षार्थी और समाज; लायक राम शर्मा हमें फक्र है : हमीरपुर का दामाद कलर्स चैनल पर छाया पुलिस जवान राजेश(राजा) आईजीएमसी शिमला में जागृत अवस्था में ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपेरशन किसी चमत्कार से कम नहीं लघुकथा अपने आप में स्वयं एक गढ़ा हुआ रूप होता है। इसे यूँ भी हम कह सकते हैं - गागर में सागर भरना
-
-
Total Visitor : 1,64,67,156
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy