हमीरपुर / रजनीश शर्मा
हमीरपुर में जून 2019 में एक नेपाली बच्ची से हुए कथित दुष्कर्म मामले में कोर्ट में सरकारी पक्ष व बचाव पक्ष के बीच दलीलों के साथ बहस पूरी हो गई है। अब 28 मार्च को इस केस में बड़ा फ़ैसला आ सकता है। एफ़आईआर नंबर 11/2019 के तहत दर्ज इस केस में हमीरपुर जिला के एक अर्ज़ीनवीस पर दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगे हैं तथा वह क़रीब आठ माह से हमीरपुर जेल में विचाराधीन बंदी के रूप में बंद है।माननीय कोर्ट द्वारा इस मामले में ऑर्डर के लिए अगली तारीख़ 28 मार्च तय की गयी है।
सरकारी पक्ष की तरफ़ से केस की पैरवी जिला न्यायवादी सीएस भाटिया कर रहे हैं जबकि बचाव पक्ष में पैरवी एडवोकेट रोहित शर्मा कर रहे हैं।
अब तक आरोपी के पक्ष में दो सरकारी कर्मचारियों सहित एक महिला द्वारा डिफ़ेंस में दिए गये बयान और दस्तावेज़ों के बाद सरकारी और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के बीच केस में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ज़ोरदार दलीलें पेश की जा चुकी है।
यह है सारा मामला
परिजनों की शिकायत पर हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद पुलिस ने कमला नेहरू अस्पताल शिमला में दोबारा बच्ची का मेडिकल करवाया था ।इस मामले में काफी हो-हल्ला मचने के बाद एक अर्जीनवीस को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी गत क़रीब 8 माह से जेल में न्यायिक हिरासत में है।
माननीय कोर्ट ने लंबी बहस के बाद आरोपी अर्जीनवीस के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 एवं 10 के तहत आरोप तय किए गये हैं। कोर्ट द्वारा आरोप तय करते वक़्त आरोपी के बचाव पक्ष द्वारा रखे सभी अपीलों व दलीलों को ख़ारिज कर दिया गया था।
आपको बता दें कि पुलिस स्टेशन से कुछ मीटर दूरी पर नेपाली मूल की पांच वर्षीय मासूम से हुए दुष्कर्म मामले में पुलिस द्वारा कोर्ट में चालान पेश करने के बाद माननीय कोर्ट द्वारा 17 सितंबर से लगातार गवाहियों के लिए तारीख तय कर गवाहों के बयान दर्ज हुए। इसी वर्ष 28 जनवरी को कोर्ट में सभी गवाहों की गवाहियाँ पूरी हुई ।इसके बाद 4 मार्च को माननीय न्यायालय में दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद माननीय स्पेशल जज राकेश कैथला ने 28 मार्च को ऑर्डर के लिए तारीख़ तय की है।