हमीरपुर / रजनीश शर्मा
एक तरफ़ जिला प्रशासन काँगड़ा में धारा 144 लगाकर कोरोना वायरस से निपटने के लिए भीड़ भाड़ रोक रही है तो दूसरी और हमीरपुर जिला के सुजानपुर चौगान में चल रहे अनाधिकृत मेले को रोकने के लिए विभाग एक दूसरे का मुँह ताक रहे हैं। मेला कौन बंद करवाए किसी के पास आदेश नहीं है। मेले के लिए दुकानदारों से एक माह की पर्चियाँ काटना भी सवालों के घेरे में है।
महामारी एवं राष्ट्रीय आपदा घोषित हो चुकी इस बीमारी से निपटने के लिए हमीरपुर प्रशासन सुजानपुर मे एक दूसरे का मुँह ताक रहा है।
आपको बता दें कि डबल्यू॰एच॰ओ॰ की गाइड लाइन की धज्जियाँ उड़ाते हुए पहले तो 7 से 10 मार्च तक सुजानपुर में चार दिवसीय राष्ट्रीय होली मेला अधिकारिक रूप में आयोजित किया। इसके बाद प्रशासन ने अपनी ज़िम्मेदारी से हटते हुए चौग़ान में सजी दुकानों एवं लोगों की भीड़ से मुँह फेर लिया। अब राष्ट्रीय आपदा घोषित कोरोना वायरस एवं डबल्यू॰एच॰ओ॰ की गाइड लाइन के तहत एक्शन लेने में विभाग फिसड्डी साबित हो रहे हैं।
इस बारे एसएचओ सुजानपुर सुभाष शास्त्री का कहना है कि चौग़ान में भीड़ नियंत्रित करने या मेला बंद करवाने के उन्हें कोई आदेश नहीं हैं।
नगर परिषद सुजानपुर के अध्यक्ष अशोक मेहरा ने कहा कि एहतियातन सुजानपुर चौग़ान में चल रहा अनाधिकृत मेला बंद हो जाना चाहिए। चार दिन के अधिकृत मेले के लिए मेला कमेटी ने दुकानदारों की एक माह की पर्चियाँ कैसे काट ली, इससे वह भी हैरान हैं।
वहीं एस॰डी॰एम॰सुजानपुर एवं मेला अधिकारी शिल्पी वेक्टा के अस्वस्थ होने के कारण इस बारे उनसे पूरी बात स्पष्ट ना हो पाई।