घुमारवीं,
कांग्रेस सरकार के समय घुमारवीं विधान सभा क्षेत्र के साथ सदर विधान सभा क्षेत्र की कुठेड़ा के साथ सटी 6 ग्राम पंचायतों की पेय जल आपूर्ती के लिए ब्यास नदी से 150 करोड़ रू. की व्रिह्द योजना सवीक्रित हुई थी जिसे वर्तमान सरकार ने रद्द कर सतलुज नदी से 53 करोड़ रू की एक छोटी योजना सवीक्रित की जिसमे सारा क्षेत्र लाभावंवित नहीं हो पाएगा। अपनी राजनीति के लिए लोगों के हितों से खिलवाड़ करना संकीर्ण सोच का परिचायक है।
राजेश धर्मानी ने जारी प्रेस वक्तव्य में बताया की प्राथमिकता में जो योजना डाली थी उसमें सतलुज या ब्यास नदी से योजना बनाने के लिए लिखा था. विभाग ने दोनों नदियों से योजना बनाने का तुलनात्मक अध्यन किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ब्यास नदी से बेहतर योजना बनाई बनेगी क्योंकि वहां पर बेहतर गुणवत्ता पेय जल प्रदान कर रही परकोलेशन वैल आधारित एक बड़ी योजना हमीरपुर जिले के बमसन क्षेत्र के लिए सफलतापूर्वक चल रही है. इसकी डी.पी.आर. तैयार की जिसे प्रदेश सरकार ने मंजूर कर भारत सरकार को वित पोषण के लिए भेजा लेकिन भारत सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय से चल रही एन.आर.डी.डब्ल्यू.पी. (अब इसका नाम जल शक्ति मिशन रखा) योजना में रोक लगा दी और यह केस वापिस भेज दिया हलान्कि तकनीकि सीक्रिति प्रदान कर दी।
राज्य सरकार ने अंतराष्ट्रीय वित एजेन्सी से लोन लेकर बनाने की परमिसन लेने के लिए दोबारा भारत सरकार को भेजा। क अफेयर्ज ने भी एक्सटर्नल एजेन्सी से लोन लेने की पर्मिशन दे दी थी।
राज्य सरकार ने लोन लेने के लिए 'ब्रिक्स बैंक' और 'जिका' में एप्प्लाई किया था और इसकी स्वीक्रिति का इंतजार था लेकिन सरकार बदलने के बाद सरकार ने इस योजना ने इस योजना का 'आकार, स्वरूप और स्थान' भी बदल दिया. विभाग ने जो 2-3 साल इस योजना को सिरे चढ़ाने के प्रयत्न किये थे वो घटिया रजनीति सोच के कारण सब व्यर्थ चले गए।