हमीरपुर / रजनीश शर्मा
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लॉकडाउन के बावजूद हिमाचल में निजी स्कूलों की पैसों की भूख अभी ख़त्म नहीं हो रही है। प्रतिदिन अभिभावक स्कूलों से आ रहे फ़ीस जमा करवाने के फ़रमानों से दुःखी हैं। ऐसे में गाजियाबाद के शास्त्रीनगर स्थित विजय पब्लिक स्कूल का प्रबंधन बोर्ड हिमाचल के इन लोभवृति वाले पब्लिक स्कूलों को सबक़ सीखा रहा है। विजय पब्लिक स्कूल ने अपने स्कूल के बच्चों की लॉकडाउन के चलते अप्रैल ,मई , जून माह की फ़ीस माफ़ कर दी है। इतना ही स्कूल प्रबंधन अपने क़रीब 100 टीचिंग व नानटीचिंग स्टाफ़ को लगातार वेतन भी दे रहा है।
स्कूल प्रबंधन द्वारा इस संदर्भ में अभिभावकों को जारी 6 मई की सूचना इतनी तेज़ी से वायरल हुई कि इसकी एक प्रतिलिपि हमारे पास हिमाचल में भी पहुँच गई। क्या सच में ही स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को राहत देने वाली यह सूचना जारी की है, इसकी पुष्टि के लिए हमने नोटिस में लिखे गए नम्बरों पर फ़ोन किया।
हमारा फ़ोन विजय पब्लिक स्कूल ज़ेड ब्लाक महिंद्रा एंकलेव,ग़ाज़ियाबाद की निदेशक ममता चौधरी ने उठाया।उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने प्रधानाचार्य वेणु नाग कौशिक एवं प्रशासक आराधना सिंह से मिलकर यह निर्णय लिया है कि कोविड-19 महामारी तथा लॉकडाउन के कारण सभी बच्चों की 3 माह ( अप्रैल , मई , जून ) की फ़ीस माफ़ कर दी जाए ।
ममता चौधरी ने बताया कि उनके लिए स्कूल स्टाफ़ सबसे महत्वपूर्ण है । इसीलिए बिना रुकावट के वह क़रीब सौ कर्मचारियों का वेतन हर माह उनके खातों में डाल रही है। उन्होंने कहा कि जब लोकहित का यह फ़ैसला लिया गया तो कई निजी स्कूलों की तरफ़ से उनको फ़ोन आए और इस निर्णय को वापिस लेने का दबाव भी बनाया गया। वह अपने फ़ैसले पर अडिग हैं तथा आगे भी इसे जारी रखा जाएगा।
ममता चौधरी जैसे विशाल हृदय वाली महिला ने लॉकडाउन के दौरान जहाँ फ़ीस माफ़ कर अभिभावकों को राहत दी है वहीं लगातार अपने स्टाफ़ को वेतन जारी कर लोककल्याण एवं लोकहित की वास्तविक भारतीय संस्कृति को भी व्यावहारिक रूप प्रदान किया है।