कुल्लू,
लॉकडाऊन में स्वास्थ्य महकमा ही घपलों से लबरेज नहीं रहा बल्कि अन्य महकमों में भी जमकर घपले हुए हैं। अब कुल्लू में जल शक्ति विभाग में भी टैंडर घोटाले के कथित आरोप लगे हैं। हालांकि जल शक्ति विभाग इस घपले को लेकर कमजोर इंटरनैट व कम स्टाफ का तर्क दे रहा है लेकिन यह तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है। फुल लॉकडाऊन में जल शक्ति विभाग के शमशी मंडल में गुपचुप तरीके से टैंडर निकाले गए। ये टैंडर पहले 26 मार्च को निकाले जाने थे लेकिन 24 मार्च को लॉकडाऊन की घोषणा के साथ ही सभी लोगों की आवाजाही पर विराम लगा दिया गया, ऐसी स्थिति में नियमानुसार इस टैंडर प्रक्रिया पर भी विराम लगाया जाना चाहिए था और इसे पोस्टपांड किया जाना चाहिए था।
विभाग ने गुपचुप तरीके से चहेतों को दिए टैंडर
विभाग की ऑफिशियल वैबसाइट पर इन 24 टैंडरों की आगामी तिथि को लेकर कोरीजैंडम डिस्प्ले होना चाहिए था और टैंडर खुलने की आगामी तिथि सार्वजनिक होनी चाहिए थी। विभाग ने ऐसा न करके फुल लॉकडाऊन में 13 अप्रैल को गुपचुप तरीके से चहेतों को टैंडर दे दिए। चर्चा है कि इस प्रकरण में मोटी डील हुई है। ये सभी 24 टैंडर प्रत्येक 1 से 5 लाख रुपए तक के थे। इस कथित घपले पर विजीलैंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो भी पैनी नजर रखे हुए है। कुछ ठेकेदारों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस घपले को फुल लॉकडाऊन में सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया।
ठेकेदारों को 22 अप्रैल के बाद मिली छूट
लॉकडाऊन में ठेकेदारों को अपने कार्यों को निपटाने के लिए 22 अप्रैल के बाद छूट मिली और प्रशासन की ओर से उन्हें इसी तिथि के उपरांत कफ्र्यू पास आदि भी जारी किए गए। इससे पहले लोगों का घरों से निकल पाना मुश्किल था। घरों से बाहर निकलते ही या तो पुलिस लोगों के वाहन जब्त कर रही थी या लोगों को उलटे पांव घरों की ओर दौड़ाया जा रहा था। ऐसे दौर में 24 टैंडर निकाल कर कार्य आबंटन की प्रक्रिया ही संदेह के दायरे में आ गई है। घपला उजागर होने से जल शक्ति विभाग में हड़कंप की स्थिति है।
अन्य मंडलों में भी हुए टैंडर लेकिन अपनाए नियम
लॉकडाऊन की अवधि में अन्य मंडलों में भी विभिन्न विकास कार्यों के लिए टैंडर हुए। इन टैंडरों में पूरी तरह से नियमानुसार कार्य हुआ लेकिन शमशी में नियमों को ताक पर रखकर टैंडर घोटाले को अंजाम दिया गया। अन्य मंडलों में यदि टैंडर प्रक्रिया तय तिथि को रद्द भी हुई तो उससे संबंधित कोरीजैंडम बाकायदा वैबसाइट पर डिस्प्ले हो रहे हैं। इससे संबंधित सूचना को सार्वजनिक भी किया गया। शमशी में पाए गए घपले के बाद हालांकि अन्य मंडल भी विजीलैंस के निशाने पर आ गए हैं। अन्य कई महकमे भी शक के घेरे में हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
जल शक्ति विभाग शमशी के टैंडर असिस्टैंट विजय ने बताया कि कोरीजैंडम को वैबसाइट पर डिस्प्ले किया जाना था लेकिन ये वैबसाइट पर अपलोड नहीं हो पाए। ये टैंडर वैसे भी पहले ही लगे हुए थे और यह एमरजैंसी मामला था। इसलिए इस टैंडर प्रक्रिया को लॉकडाऊन में निपटाया गया। वहीं जल शक्ति विभाग कुल्लू के अधीक्षण अभियंंता देवेश भारद्वाज का कहना है कि मुझे इस प्रकार की गड़बड़ी की जानकारी नहीं है, फिर भी यदि ऐसी कोई गड़बड़ी हुई है तो इस संदर्भ में अधिशासी अभियंता से पूछा जाएगा। जो भी कार्य होना है वह नियमानुसार होना चाहिए। गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।