कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ हुए रेप के बाद हत्या की घटना के बाद अब मौत की सजा की मांग एक बार फिर बढऩे लगी है। पूरा देश एक और निर्भया के लिए इंसाफ की मांग कर रहा है। इस बीच एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में साल 2017 में अपराधियों को सुनाई गई मौत की सजा का आकंड़ा बेहद चौंकाने वाला आया है। पिछले साल भारतीय अदालतों ने 43 ऐसे लोगों को मौत की सजा सुनाई है, जो महिलाओं से जुड़े यौन शोषण के मामले में दोषी पाए गए थे।
53 देशों में किए गए आंकलन के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार हुई है। जिसमें बताया गया है कि दुनिया में पिछले साल के मुकाबले फांसी पाने वालों की संख्या में 4 फीसदी की गिरावट आई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि भारत की अदालतों ने पिछले साल 109 लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। मगर एक को भी फांसी नहीं दी गई।
मानवाधिकार संस्था ने गुरुवार को जारी अपनी एक रपट ‘मृत्युदंड व सजा की तामील-2017’ में कहा है कि 2016 में 136 लोगों को प्राणदंड की सजा सुनाई गई थी, जिसके मुकाबले 2017 में मौत की सजा पाने वालों की तादाद 27 कम है।
दो साल से भारत में एक भी फांसी नहीं….
आपको जानकर हैरत होगी जिस देश में हर साल हजारों यौन अपराध होते हैं, उस देश में अपराधियों की सजा सिर्फ मौत की सजा तक सीमित रहती है। लेकिन उन्हें फांसी नहीं दी जाती। दुनियाभर के देशों में जहां हजारों फांसी दी जा रही हैं, वहीं भारत में पिछले दो सालों से एक भी फांसी नहीं दी गई है। 2016 में 3117 लोगों को पूरी दुनिया में मृत्युदंड मिला था, जिसकी संख्या 2017 में 2591 हो गई। पिछले साल पूरी दुनिया में 993 लोगों को फांसी पर चढ़ाया गया। 9 एशिया पैसिफिक देशों में फांसी का आंकड़ा 11 से भी कम रहा। दो देशों ताइवान और इंडोनेशिया में भी पिछले साल किसी को भी फांसी नहीं मिली।
1989 के बाद 2015 में सबसे ज्यादा दी गई थीं फांसी-
1989 का दौर ऐसा था जब पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा फांसी दी गई थीं। इसके बाद 2015 में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी पर चढ़ाया गया। लेकिन इसके बाद से फांसी चढऩे वाले लोगों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।
चीन में दी गई सबसे ज्यादा मौत की सजा-
एमनेस्टी इंटरनेशनल में कानून व नीति मामलों के वरिष्ठ निदेशक तवांडा मुतासाह ने बताया है कि 2018 के दौरान दुनिया में सबसे ज्यादा मौत की सजा चीन में दी गई है। जिसकी तादाद हजारों में है। हालांकि इसका कोई आंकड़ा नहीं मिला है, क्योंकि यहां इसे गुप्त रखा जाता है। इस मामले में दूसरा स्थान ईरान का है। जहां 507 लोगों को मौत की सजा दी गई है। तीसरे स्थान पर सउदी अरब है, जहां 146 लोगों को मौत की सजा दी गई है। ईराक में 125 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी गई। वहीं पाकिस्तान में मृत्युदंड पाने वालों की संख्या 60 है। 2017 में अमेरिका में 23 लोगों को मौत की सजा दी गई, वहीं यूरोप में सिर्फ बेलारूस में दो लोगों को मृत्युदंड दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय मानकों के विपरीत भारत, सिंगापुर और थाईलैंड ने हाईजैकिंग, परमाणु आतंक और भ्रष्टाचार पर मौत की सजा के नए कानूनों को स्वीकार कर मृत्युदंड की स्थिति को बढ़ाया है।