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कविता

भारत ...मेरा है।

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प्रीति शर्मा असीम | August 14, 2020 09:40 AM

भारत........मेरा है।

सत्य सनातन,
वेद आधारित,
कण -कण,
जिस का,
पारस है।

वह भारत....
मेरा है।

परम संस्कृत,
सहृदय -ह्रदयवान
दाता- दानवीर हमारा है।

वह भारत........मेरा है।
महान कथानक,
राम- राज्य संस्थापक,
मार्ग -दर्शक,
गीता -दर्शन,
नित -नया विचार हमारा है।

वह भारत.........मेरा है।

भारत किसी एक का नही।
भारत उसका,
जो भारत का,
यह मानव,
सभ्यता का निर्माता है।
संसार को जीवन देने वाला,

वह भारत..........मेरा है।

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