"कवि होना और बनना में अंतर समझें रचनाकार"
(राँची ) झारखंड,
शीर्षक साहित्य परिषद (भोपाल) के तत्वाधान में काशा लांज के सभागार में शीर्षक साहित्य परिषद् भोपाल की राँची इकाई की वार्षिक युवा गोष्ठी आनंद और हर्षोल्लास के खुशनुमा माहौल में सफलता पूर्वक सपन्न हुई।
गोष्ठी का आरंभ रुणा रश्मि दीप्त के मंत्रोचार के साथ दीप प्रज्ववलित कर किया गया। संध्या चौधरी द्वारा मंच संचालन और रंजना वर्मा 'उन्मुक्त' द्वारा सरस्वती वंदना गायन किया गया।
शीर्षक साहित्य परिषद की राँची प्रभारी मनीषा सहाय सुमन द्वारा स्वागत उद्बोधन व शीर्षक साहित्य के उद्येशयों को बताते हुए कहा युवा वर्ग जो देश के भावी कर्णधार उनका हिन्दी लेखन गजल ,गीतों में रूची लेना सराहनीय कदम है। गोष्ठी की अध्यक्षता जाने माने गज़लकार साहित्यकार नेहाल हुसैन सरैयावी द्वारा की गई ,मुख्य अतिथि के रूप में राँची विश्विद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ जे बी पांडेय ने मंच को गौरवान्वित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध हास्य व्यंग्य रचनाकार कवि नरेद बंका जी, कवियत्री लेखिका प्रतिमा मणि त्रिपाठी , कवियत्री एंव लेखिका रुणा रश्मि दीप्त ने मंच की शोभा बढाई। जे. बी. पाडें नें युवाओ को समृद्ध लेखन पर प्रोत्साहित किया, वहीं नरेश बंका हास्य विधा की बारिकीयों को समझाया। प्रतिमा मणि ने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मौलिकता को अपने बनाए रखे , कविता धैर्य से ही निखरती है। रूणा ने भी युवाओं की प्रतिभा की तारीफ करते हुए कहा इनमे भविष्य के भावी रचनाकारों की छवि दिखाई दे रही है।
इस अवसर पर राँची शहर के युवा रचनाकरों ने बढ़- चढ़ कर हिस्सा लिया। सबकी प्रस्तुतियों ने श्रोताओं का मन मोह लिया।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में इस कार्यक्रम के अध्यक्ष नेहाल सरैयावी ने सभी रचनाकरों विशेषकर युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा....
"कवि होने और बनने में अंतर जब तक नही जानेंगे। तब तक एक निपुण रचनाकार बनना सरल नही हो पायेगा। वहीं उन्होंने कविता के बारे बोलते हुए कहा....कविता का अर्थ है समंदर को किसी बहुत ही छोटे पात्र में भर देना। और वक्तव्य का अर्थ होता है, उस बूंद भर जल को समंदर में विस्तार कर देना।"
इस अवसर पर बर्षा ऋतुराज, रजनी चँदा , डॉ साक्षी शर्मा , खुशबू बरनवाल सीपी , राधेश्याम तिवारी , चंदन प्रजापति , तन्मय शर्मा, रंजन बरनवाल, राहुल जायसवाल, मृदुल सहाय, अशोक कुमार आशिक, सात्विक श्रीवास्तव, आकिब खान, हर्षवर्धन पांडेय, धन्यवाद ज्ञापन राँची प्रभारी मनीषा सहाय सुमन द्वारा किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि शीर्षक साहित्य परिषद युवाओं और नवांकुर रचनाकरों को निखारने और मंच देने के लिए प्रतिबद्ध है।