बताया जाता है कि भिवानी के बावड़ी गेट निवासी प्रिंयका कराटे प्लेयर है। नौकरी की मांग को लेकर सीएम से मुलाकात की बजाय पुलिस से बेज्जत हुई प्रिंयका ने बताया उसने पांच बार अंतराष्ट्रीय स्तर पर कराटे में गोल्ड मेडल जीते हैं। वो बेहद गरीब परिवार से है, घर की आर्थिक जिम्मेदारी भी उसके सिर है। ऐसे में उसे सरकारी नौकरी की सख्त जरूरत है लेकिन आज पुलिस ने उसकी सीएम से मुलाकात नहीं होने दी।अंतरराष्ट्रीय जूडो प्रतियोगिता में दर्जनों पदक जीतने वाली प्रियंका नाम की ये खिलाड़ी रोजगार की मांग को लेकर शनिवार को भगत सिंह चौक पर मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास कर रही थी लेकिन पुलिस ने उसे रोक लिया। रोती बिलखती खिलाङी को देख वहां मौजूद कुछ लोगों ने पुलिस व सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी।आखिरकार प्रियंका भीम स्टेडियम में आयोजित स्वर्ण जयंती पंचायती राज कार्यक्रम में पहुंची तो किसी तरह मुख्यमंत्री से मुलाकात भी हुई। मुख्यमंत्री ने दो टूक जवाब दिया। खेल कोटे में उन्हें नौकरी नहीं मिल सकती क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। प्रियंका ने मुख्यमंत्री को अपनी योग्यता बताने का प्रयास किया लेकिन मुख्यमंत्री आगे बढ़ गए।
वर्ष 2011 में तत्कालिन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रियंका को पुलिस में उपनिरीक्षक भर्ती करने के लिए भिवानी के तत्कालिन उपायुक्त आरसी वर्मा को उसका आवेदन लेने के लिए कहा था, लेकिन इसके बाद प्रियंका का आवेदन रद्दी की टोकरी में दब गया।
6 साल के इंतजार के बाद प्रियंका को उम्मीद बंधी कि नई सरकार उसे कुछ राहत देगी। लेकिन हाथ मलने के सिवाय प्रियंका को कुछ नहीं मिला। प्रियंका अंतरराष्ट्रीय जूडो प्रतियोगिता में बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका आदि में आधा दर्जन से अधिक पदक जीत चुकी है।