हिमाचल
वीर बाल दिवस के पवन दिवस पर भाजपा शिमला ग्रामीण मंडल में मुख्यवक्ता संजय ठाकुर रहे
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ब्यूरो हिमालयन अपडेट | December 26, 2024 04:55 PM
शिमला,
उनके साथ प्रदेश कार्यालय सचिव प्रमोद ठाकुर मौजूद थे इसी प्रकार संजौली मंडल के कार्यक्रम में मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, प्रत्याशी संजय सूद एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष कमलजीत सूद उपस्थित रहे। संजौली मंडल का कार्यक्रम छोटा शिमला गुरुद्वारा में।किया गया।
शिमला ग्रामीण के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संजय ठाकुर ने कहा साहिबज़ादों के अडिग साहस और धर्म-निष्ठा से क्रोधित होकर वजीर खां ने 26 दिसंबर, 1705 को दोनों मासूम साहिबज़ादों को जिंदा दीवार में चुनवाने का आदेश दे दिया, साहिबज़ादों के इस बलिदान की सूचना जब माता गुजरी जी को ठंडे बुर्ज में मिली, तो उन्होंने भी ईश्वर का ध्यान करते हुए अपने प्राण त्याग दिए। यह मानव इतिहास की सबसे निर्मम घटनाओं में से एक मानी जाती है। आज भी पंजाब और दुनिया भर के सिख समुदाय के लोग अपने बलिदानी पुरखों की याद में पूरे एक सप्ताह को शहीदी के रूप में मनाते हैं, कितने परिवार तो ऐसे हैं जो इस सर्द मौसम में पूरे सप्ताह जमीन पर सोते हैं, क्योंकि ऐसा करना उन्हें स्मरण कराता है कि कैसे गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके पूरे परिवार ने इस एक सप्ताह में अपना सबकुछ धर्म की रक्षा में समर्पित कर दिया था। भीषण अत्याचार और आतंक के सामने, साहिबज़ादा जोरावर सिंह और साहिबज़ादा फतेह सिंह ने जो दृढ़ता एवं साहस दिखाई, वह आज भी हमारे हृदयों में अटल साहस और धर्म के प्रति निष्ठा का प्रतीक बनी हुई है। संजय ठाकुर ने कहा इन मासूम बालकों को जब दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया, तो क्रूरता ने अपनी सारी हदें पार कर दीं। लेकिन, इन साहिबज़ादों ने किसी भी तरह की धमकी और प्रलोभन के आगे झुककर इस्लाम स्वीकारने से इनकार कर दिया, और वे भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों में दर्ज हो गए। यह केवल सिख समुदाय ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव और प्रेरणा का विषय है। वीर बाल दिवस का उद्देश्य भारतीय युवाओं को अपने इतिहास और परंपराओं से परिचित कराना है ताकि वे साहस, पराक्रम और बलिदान के आदर्शों को आत्मसात कर सकें, एवं दोनों वीर साहिबजादों के जीवन को अपने जीवन में उतरने का प्रयास करें। सिख परंपरा केवल एक धार्मिक आस्था की परंपरा नहीं है, बल्कि यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विचार की एक जीवंत मिसाल भी है।
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