भारत में कई अदालतें पुरानी तकनीक, अपर्याप्त सुविधाओं और मुकदमों के प्रबंधन के लिए अपर्याप्त कर्मचारियों सहित खराब बुनियादी ढांचे से पीड़ित हैं। इससे न्यायिक प्रक्रिया के कुशल कामकाज में बाधा आती है। भारतीय कानूनी प्रणाली अपनी जटिल प्रक्रियाओं, कई स्थगनों और व्यापक कागजी कार्रवाई के लिए जानी जाती है, जो मामलों को वर्षों तक खींच सकती है।