Friday, January 31, 2025
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
आज दिनांक 30 जनवरी 2025 को "कुष्ठ निवारण दिवस" मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश प्रताप के दिशा निर्देशानुसार पीएम थी राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस आयोजितकोट गाँव में एलवी क्रिकेट कप शुरू प्रो यश पाल पुरोहित ने बतौर मुख्यातिथि किया शुभारंभप्रधान ग्राम पंचायत कथेट पंचायत की  बैठकों- सभाओं  से  अनुपस्थिति  के चलते निष्कासितराष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों को जीवन में अपनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धाजंलि - डॉ. शांडिलटीबी उन्मूलन को लेकर ज़िला भर में आयोजित होंगे नि-क्षय शिविरयातायात नियमों का पालन ही सड़क सुरक्षा की सर्वोत्तम गांरटी - मनमोहन शर्माभूकंप और भूस्खलन जोखिम न्यूनीकरण पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न
-
देश

देव दीवाली और गुरुपर्व: प्रो० विनोद नाथ

-
डॉ विनोद नाथ | November 15, 2024 11:18 AM

 

देव दीवाली, जिसे देव दीपावली भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो विशेष रूप से उत्तर भारत में, विशेषकर वाराणसी में मनाया जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो दिवाली के पंद्रह दिन बाद आती है। देव दीवाली के अवसर पर यह माना जाता है कि देवता धरती पर आते हैं और गंगा नदी के किनारे दीप जलाकर इस पावन दिन का स्वागत करते हैं।

इस दिन वाराणसी के घाटों को दीपों की जगमगाहट से सजाया जाता है और गंगा आरती का आयोजन होता है। स्थानीय लोग और पर्यटक बड़ी संख्या में घाटों पर आते हैं, दीपदान करते हैं, गंगा नदी में नावों पर सवारी करते हैं और इस अलौकिक दृश्य का आनंद लेते हैं।

देव दीवाली का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। इसे भगवान शिव की पूजा का दिन माना जाता है, और कई भक्त इस अवसर पर व्रत रखते हैं, विशेष पूजा और अनुष्ठान करते हैं।

गुरुपरब, जिसे गुरुपर्व या गुरु नानक जयंती भी कहा जाता है, सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। गुरुपरब का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को आता है। गुरुपरब न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह गुरु नानक देव जी के संदेशों को याद करने और अपनाने का भी अवसर है, जिसमें सभी के प्रति प्रेम, सेवा, समानता, और भाईचारे की भावना का संदेश शामिल है।

देव दीवाली न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से भी इसका बहुत महत्त्व है। वाराणसी में इस दिन का आयोजन देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं, जिससे यह एक अद्वितीय सांस्कृतिक पर्व बन जाता है।

 

 

 

 

 

 

-
-
Related Articles

आज दिनांक 30 जनवरी 2025 को "कुष्ठ निवारण दिवस" मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश प्रताप के दिशा निर्देशानुसार पीएम थी

राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस आयोजित

कोट गाँव में एलवी क्रिकेट कप शुरू प्रो यश पाल पुरोहित ने बतौर मुख्यातिथि किया शुभारंभ

प्रधान ग्राम पंचायत कथेट पंचायत की  बैठकों- सभाओं  से  अनुपस्थिति  के चलते निष्कासित

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों को जीवन में अपनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धाजंलि - डॉ. शांडिल

टीबी उन्मूलन को लेकर ज़िला भर में आयोजित होंगे नि-क्षय शिविर

यातायात नियमों का पालन ही सड़क सुरक्षा की सर्वोत्तम गांरटी - मनमोहन शर्मा

भूकंप और भूस्खलन जोखिम न्यूनीकरण पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

कुष्ठ रोग निवारण दिवस पर नर्सिंग स्कूल और दिव्य ज्योति स्कूल मंडी के प्रशिक्षुओं ने निकाली जागरूकता रैली  

रावमापा गोंदपुर जयचंद में सड़क सुरक्षा पर जागरूकता शिविर आयोजित

Have something to say? Post your comment
-
और देश खबरें
एसजेवीएन फाउंडेशन के सौजन्य से एनजेएचपीएस द्वारा गॉव झाकड़ी में स्वच्छता जागरूकता कैंप आयोजित NJHPS ने 7000 मिलियन यूनिट्स दूसरी सबसे तीव्रता से उत्पादन कर कीर्तिमान किया स्थापित नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन में 76वाँ गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया सीआईएसएफ को मिली पहली महिला बटालियन स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के अंतर्गत, एनजेएचपीएस द्वारा विभिन्न गतिविधियां आयोजित योगिक क्रियाओं के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य: प्रो. विनोद नाथ एमपॉक्स  (Mpox) मंकीपॉक्स: डॉ विनोद नाथ कारगिल विजय दिवस: डॉ विनोद नाथ भारत में जनसंख्या वृद्धि पर विशेष रिपोर्ट: डॉ विनोद नाथ मानसून के बहुआयामी प्रभाव: डॉ विनोद नाथ
-
-
Total Visitor : 1,70,74,609
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy