Saturday, February 22, 2025
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
-
हिमाचल

मुख्य सचिव ने ग्लेशियर झीलों के बैथीमीटरी सर्वे पर आधारित रिपोर्ट जारी की

-
ब्यूरो हिमालयन अपडेट | February 21, 2025 05:28 PM
        शिमला   



मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां ग्लेशियर झीलों वासुकी, सांगला के बैथीमीटरी सर्वे और सामरिक महत्व की सड़कों पर भूस्खलन के जोखिम का आकलन पर आधारित अध्ययन रिपोर्ट जारी की। कुल्लू जिले के सोसन में 4500 मीटर ऊंचाई पर स्थित ग्लेशियर झील वासुकी और किन्नौर जिले के सांगला में 4710 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ग्लेशियर झील सांगला की बैथीमीटरी सर्वे रिपोर्ट प्रगत संगणन विकास केंद्र (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्पयूटिंग) के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने गहन अध्ययन के बाद तैयार की है।
इन जोखिमपूर्ण ग्लेशियर झीलों के लिए बैथीमीटरी सर्वे किया गया। ये दोनों झीलें बदलते मौसम, जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं। ग्लेशियर झील वासुकी 1.65 किमी की परिधि में है। इसकी अधिकतम गहराई 36.91 मीटर और औसत गहराई 14.48 मीटर है।
2017 से 2024 के बीच ग्लेशियर झील वासुकी का क्षेत्रफल 3.02 हेक्टयेर बढ़ चुका है। 2017 में वासुकी का क्षेत्रफल 10.36 हेक्टेयर था जोकि 2024 में 13.38 हेक्टयेर हो गया। झील में 2.16605135 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है।
बाढ़ के लिहाज से पार्वती नदी को बेहद संवेदनशील बताया गया है। लगातार ग्लेशियरों के पिघलने से नदी में पानी का बहाव बढ़ सकता है। हालांकि झील से अभी तक पानी की कोई लीकेज नहीं है।
बास्पा नदी प्रणाली में ग्लेशियर झील सांगला की अहम भूमिका है। यह झील स्थानीय पारिस्थितिकी तत्रं और जैव विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। यह झील कई जीवों की प्रजातियों का प्राकृतिक आवास है। रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि इस झील के फटने से जेएसडब्ल्यू, बास्पा हाइडल पावर स्टेशन प्रभावित हो सकते हैं। सांगला में जानमाल की क्षति की भी संभावना जताई गई है।
2017 से 2024 के बीच सांगला झील का क्षेत्रफल 0.87 हेक्टयेर बढ़ा। 2017 में सांगला झील का क्षेत्रफल 13.4 हेक्टयेर था जोकि 2024 में 14.29 हेक्टयेर हो गया। सितंबर में सर्वे के दौरान झील का क्षेत्रफल 15.73 हेक्टेयर पाया गया। झील में 1.52758 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है।    
रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि इन झीलों का हर वर्ष फील्ड सर्वे करवाया जाए। इसके साथ ही अग्रिम चेतावनी प्रणाली (अर्ली वार्निंग सिस्टम) भी स्थापित की जाए। झीलों में पानी के बहाव की निरंतर निगरानी की भी आवश्यकता पर भी बल दिया गया है।
इसके अतिरिक्त पंथाघाटी से एनएच क्रॉसिंग और कैनेडी चौक से अनाडेल हेलीपेड सड़क का आकलन भी किया गया है। सड़क अवरुद्ध करने वाले 15 प्वाइंटों को चिन्हित किया गया है।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव कमलेश कुमार पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव आंेकार चंद शर्मा, निदेशक व विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा, निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राघव शर्मा, पुलिस अधीक्षक एसडीआरएफ अर्जित सेन ठाकुर, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग अजय कपूर, मुख्य अभियंता ऊर्जा विभाग डीपी गुप्ता, विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।  
-
-
Have something to say? Post your comment
-
और हिमाचल खबरें
पीएमजीएसवाई-4 के प्रदेश में होगा 1200 किलो मीटर सड़क निर्माण- विक्रमादित्य सिंह, ज़िला शिकायत निवारण समिति की बैठक 27 फरवरी को विनय मोदी ने संभाला एससी आयोग के सदस्य सचिव का कार्यभार ट्रिपल आईटी ऊना में माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स और वीएलएसआई डिजाइन में एमटेक प्रोग्राम शुरू स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर अभियान टैक्सी यूनियन ऊना में लगा स्वच्छता पर जागरूकता शिविर मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ सरकार कर रही सख्त कार्रवाई डॉ बिंदल का कांग्रेस और राहुल गांधी पर करारा हमला शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए यूनेस्को के साथ साझेदारी करेगा हिमाचल: रोहित ठाकुर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित ऊना के पैरा एथलीट सुनील कुमार ने राष्ट्रीय स्तर पर हासिल की बड़ी सफलता
-
-
Total Visitor : 1,71,34,281
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy