सोलन,
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सोलन द्वारा जिले में स्वाईन फ्लू को लेकर जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन सहित चिकित्सा खण्ड अर्की, सायरी, नालागढ़, धर्मपुर तथा चण्डी में संबंधित खण्ड चिकित्सा अधिकारियों ने स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा आशा कार्यकर्ताओं के लिए शिविर आयोजित किए गए। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. आरके दरोच ने आज यहां दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि तथा इन शिविरों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा आशा कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाकर लोगों को स्वाईन फ्लू के बारे में जागरूक करने बारे में जानकारी प्रदान की गई।
डाॅ. दरोच ने कहा कि स्वाईन फ्लू का उपचार संभव है और यदि समय रहते रोगी अस्पताल या अन्य किसी स्वास्थ्य संस्थान में पहुंचता है तो उसका इलाज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कसौली स्थित केंद्रीय अनुसंधान केंद्र, आईजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा तथा मंडी में स्वाईन फ्लू के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. एनके गुप्ता ने लोगों से आग्रह किया है कि वे बुखार, खांसी, सिरदर्द जैसे लक्षण दिखने पर समीप के स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक से अवश्य परामर्श लें ताकि समय रहते रोग का निदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिले सभी सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा क्षेत्रीय अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं जहां पीड़ित रोगियों को अलग रखने की व्यवस्था होगी।
उन्होंने कहा कि बुखार, खांसी, सिरदर्द, गला दुखना, नाक बहना, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई तथा उल्टियां व दस्त होने की स्थिति में चिकित्सक से परामर्श किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न भागों में स्वाईन फ्लू के मामलों के दृष्टिगत सोलन जिला में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एहतियात के तौर पर सभी तैयारियां पूरी रखी गई हैं।
डाॅ. एनके गुप्ता ने कहा कि स्वाईन फ्लू एक विशेष प्रकार के इन्फ्लुएंजा-ए (एच1 एन1) वायरस से फैलता है। यह बीमारी इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति सेे संपर्क में आने पर भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्वाईन फ्लू से उपचार व बचाव संभव है और रोगी को उपरोक्त लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
उन्होंने सलाह दी कि विभिन्न लक्षण होने पर रोगी अच्छी नींद लें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें तथा तनाव से बचें। उन्होंने कहा कि स्वच्छ तथा अधिक मात्रा में पानी पीएं तथा पोषणयुक्त आहार लें। उन्होंने प्रभावित माताओं को परामर्श दिया कि वे शिशुओं को दूध पिलाते समय अपना मुंह मास्क से ढक कर रखें।
उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्तियांे से न तो हाथ मिलाएं, न गले मिलें और न ही किसी अन्य प्रकार का संपर्क बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक के परामर्श के बिना कोई दवा न लें। बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, मधुमेह एवं दमे से पीड़ित रोगियों को स्वाईन फ्लू होने का खतरा अधिक रहता है।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि स्वाईन फ्लू से भयभीत न हों और अपने समीप के स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यकता पड़ने पर तुरंत परामर्श लें ताकि संभावित रोगी को उपचार देकर ठीक किया जा सके।