छत्तीसगढ़
हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई अपनी अद्भुत परिकल्पना और नायाब उपक्रमों के लिए जानी जाती है। इस बार इकाई की अध्यक्षा रंजना श्रीवास्तव "कुछ बातें किताबों की........" के तहत "लेखक-समीक्षक जुगलबन्दी........" से एक नवीन प्रतिमान स्थापित करने वाली हैं जिसमें फेसबुक लाइव के माध्यम से लेखक और समीक्षक एक साथ जुड़ेंगे और चयनित पुस्तक पर समीक्षा करेंगे।
15 अप्रैल से18 जून तक प्रत्येक शनिवार और रविवार को चलने वाले इस आयोजन में हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई की सचिव डॉ. संगीता अनिल बिंदल (समीक्षक) और सह-सचिव तनवीर सुल्ताना ख़ान (लेखिका) ने समर्पित भाव से अपनी पुस्तक "कतरनें" पर उत्कृष्ट समीक्षा कर कार्यक्रम का आग़ाज़ किया।
इस आयोजन में लगभग 20 पुस्तकें शामिल की गई हैं। लेखकों - समीक्षकों में अंजू भूटानी, गौरी कनोजे, माधुरी मिश्रा, शर्मिला चौहान, विद्या चौहान, डॉ. सुनीता चौहान, अंजुलिका चावला, संजय गुप्त, शगुफ्ता यास्मीन काजी, रीमा दीवान चड्ढा, राजेश नामदेव, प्रभा मेहता, शीला भार्गव, वीणा दाढ़े, कृष्णा श्रीवास्तव, हिमद्युति श्रीवास्तव, रंजना श्रीवास्तव, अर्चना चौबे, प्रेम सिंह, ममता श्रवण अग्रवाल, कुँवर इन्द्रजीत सिंह, बजरंग लाल केजरीवाल, मधु सिंघी इत्यादि कलमकार इस आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। लेखकों-समीक्षकों के साथ साथ श्रोताओं का उत्साह भी देखते ही बनता था। पुस्तक प्रेमी दूर दूर से आकर ठीक उसी तरह एकत्रित हो रहे थे जैसे पानी ढलान की ओर स्वयं आता है। आज की आवश्यकता है कि आसपास की ज़मीन में ढलान तैयार की जाए।
हिंददेश परिवार की संस्थापिका और अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्षा डॉ. अर्चना पाण्डेय 'अर्चि' ने बधाई संदेश में सभी लेखकों व समीक्षकों को शुभकामनाएँ दीं।