छत्तीसगढ़,
हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई एक बार फिर से अपनी अद्भुत परिकल्पना और समाजोपयोगी नायाब उपक्रम "परीक्षा से डर कैसा?" लेकर उपस्थित हुई। छात्र जो इस समय परीक्षा की तैयारी, कठिन दिनचर्या और मानसिक तनाव के दौर से गुज़र रहे हैं, उनके मार्गदर्शन हेतु हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई संबल बनकर खड़ी हो गई। इकाई की अध्यक्षा रंजना श्रीवास्तव के संयोजन व नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पण को केन्द्रीय प्रबन्धन के सभी पदाधिकारियों, छत्तीसगढ़ इकाई के सदस्यों व पदाधिकारियों ने सराहना की और अपना भरपूर सहयोग दिया।
01 मार्च की प्रभात वेला में हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई की उपाध्यक्षा प्राचार्या अंजू भूटानी के द्वारा समर्पित भाव से इस आयोजन का शुभारम्भ हुआ, तत्पश्चात् सह-प्रभारी माधुरी मिश्रा 'मधु', संयोजिका श्रीमती प्रेम सिंह 'काव्या', अधीक्षक गौरी कनोजे, अध्यक्षा रंजना श्रीवास्तव, प्रबन्धन समन्वयक अनुजा दुबे 'पूजा', कार्यकारिणी समन्वयक विद्या चौहान, प्रभारी हिमद्युति श्रीवास्तव, पंचपरमेश्वरी अलका श्रीवास्तव और नव-मनोनीत सचिव डॉ. संगीता अनिल बिंदल के द्वारा जीवन मूल्यों पर आधारित अनेक विषयों पर लिखित चर्चा परिचर्चा प्रारम्भ हो गई; समय नियोजन, बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेइ', होली, सेहत और परीक्षा : संतुलन बनाए रखें, दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम से ही कार्य सिद्ध होते हैं, केवल मनोरथ से नहीं, मानसिक सेहत का ध्यान, स्वाध्याय अर्थात विषय का अनुशीलन, परीक्षा समाप्ति पर आनन्दरस की अनुभूति, तनाव प्रबंधन और परीक्षा के उपरान्त अनुशासन और दिनचर्या इत्यादि विषयों का समावेश किया गया।
कलमकारों में क्रमशः सोनम लड़ीवाला, देवेन्द्र मिश्रा, मधु माहेश्वरी, रंजना श्रीवास्तव, डॉ. संगीता अनिल बिंदल, प्रेम सिंह, ममता श्रवण अग्रवाल, मीनू माहेश्वरी भट्टड़, राजाराम विद्यार्थी, श्रीकांत तैलंग, डॉ. मधुकर राव लारोकर 'मधुर', बशिष्ट नारायण सिंह, कुँवर इन्द्रजीत सिंह, बजरंग लाल केजरीवाल इत्यादि ने 30 दिवसीय इस आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। हिंददेश परिवार की अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्षा डॉ. अर्चना पाण्डेय 'अर्चि' ने हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई दी। साथ ही सभी कलमकारों और छत्तीसगढ़ इकाई के उत्कृष्ट पदाधिकारियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
और अंत में हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई की अध्यक्षा रंजना श्रीवास्तव ने आयोजन समाप्ति की घोषणा की।