शिमला,
कल्याण विभाग की ओर से विशेष वर्गों के पात्र अभ्यर्थियों से पीजीडीसीए और डीसीए के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। वर्ष 2023-24 के लिए प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, निदेशालय अनु० जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण द्वारा कम्प्यूटर एप्लीकेशन व समवर्गी क्रियाकलापों में प्रशिक्षण एवं दक्षता योजना के अन्तर्गत इन डिप्लोमा में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इसके तहत वह प्रार्थी आवेदन कर सकते हैं जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विधवा, एकल नारी व विशेष रूप से सक्षम से सम्बन्धित रखते हैं। उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 35 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। अभ्यर्थी गरीबी रेखा से नीचे रह रहे चयनित परिवारों के सदस्य हों या जिनके परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से कम हो। उक्त शर्तों को पूरा करने वाले अभ्यर्थी 22 जून 2023 तक संबंधित जिला कल्याण अधिकारी को सादे कागज पर आवेदन कर सकते हैं।
जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि इच्छुक उम्मीदवार आवेदन के साथ दसवीं, 10+2 तथा स्नातक कक्षा के प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, सम्बन्धित पंचायत सचिव से जारी बी०पी०एल० प्रमाण पत्र (जो छह माह के भीतर जारी किया हो) संलग्न करें। इसके अलावा जो आवेदक बी०पी०एल० परिवार में चयनित नहीं है, वह अपना आय प्रमाण पत्र, जो नायब तहसीलदार से कम रैंक के अधिकारी द्वारा जारी न किया गया हो, को संलग्न करें। साथ ही हिमाचली प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रतियां भी संलग्न करनी होंगी। अधिक जानकारी के लिये सम्बन्धित जिला कल्याण अधिकारी या तहसील कल्याण अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।
पीजीडीसीए और डीसीए दोनों डिप्लोमा में नाइलेट/सीडैक के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है। पीजीडीसीए के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक और डीसीए के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य है। दोनों की प्रशिक्षण अवधि एक वर्ष है। यह कोर्स नाइलेट (राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान) संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की एक स्वायत वैधानिक संस्था तथा सीडैक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवासड कम्प्यूटिंग) के माध्यम से करवाए जाएंगे। सभी कोर्स 01 जुलाई 2023 से प्रारम्भ होगें।
इन कोर्स के लिए प्रशिक्षण सभी जिला मुख्यालयों (लाहौल स्पीति को छोड़कर) पर दिया जायेगा। जिला लाहौल स्पीति से सम्बन्धित अभ्यार्थियों को प्रशिक्षण कुल्लू में दिया जायेगा। चयनित उम्मीदवार को प्रशिक्षण से पूर्व एक बॉण्ड भरना होगा कि वह प्रशिक्षण को बीच में नहीं छोडेंगे। कोर्स पूरा करने पर वार्षिक परीक्षा में भाग लेना होगा तथा प्रशिक्षण को बीच में छोड़ने पर प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त स्टाइपेंड की राशि विभाग को लौटानी होगी।
प्रशिक्षण अवधि के दौरान अभ्यार्थियों को रहन-सहन तथा खान-पान पर खर्च स्वयं वहन करना होगा। प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रशिक्षण फीस विभाग द्वारा निर्धारित राशि अनुसार वहन की जायेगी। प्रशिक्षण अवधि के दौरान अभ्यार्थियों को 1 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड (1200 रुपए प्रतिमाह विशेष रूप से सक्षम) दी जायेगी बशर्ते उसने प्रत्येक मासिक टेस्ट में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हो तथा मासिक उपस्थिति 85 प्रतिशत से कम न हो।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण समाप्ति पर अभ्यार्थी को वार्षिक परीक्षा में भाग लेना होगा तथा परीक्षा शुल्क 50-50 के अनुपात में विभाग तथा अभ्यर्थी द्वारा वहन किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कोर्स के आधार पर किसी विश्वविद्यालय या संस्थान में आगामी कोर्स में प्रवेश के लिए विभाग की कोई जिम्मेवारी नहीं होगी।
उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षण समाप्ति तथा परिणाम आने के पश्चात एक साल के भीतर छह माह के लिए सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं या कार्यालयों में कार्य करके कम्प्यूटर एप्लीकेशन में प्रवीणता हासिल करनी होगी। इसके लिए उसे सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक सरकारी कार्यालय में उपस्थित रहना होगा और इस अवधि के दौरान उसे 1500 रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड (1800 रुपये प्रतिमाह विशेष रूप से सक्षम स्टाईपेड) दिया जाएगा। प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षणार्थियों को नौकरी उपलब्ध करवाने का कोई भी दायित्व विभाग का नहीं होगा।