शिमला,
बाल सत्र के प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने पेपर लीक मामले में सरकार को घेरा। विपक्ष के बाल उपनेता हरीओम ने कहा कि पेपर लीक की घटना ने प्रदेश को शर्मसार किया है। मामले ने सरकार की अयोग्यता का दर्शाया है। यह घटना लापरवाही नहीं, सरकार की संगठित नाकामयाबी है। नेताओं की अनियंत्रितता इससे साबित हुई है।
सरकार का दावा है कि शिक्षा सिस्टम को मजबूत कर रहे है, लेकिन पेपर लीक बता रहा है इनकी नीतियों की सच्चाई कुछ और ही है। पेपर लीक मामले में कितने दोषियों को सजा दिलाई है या यह मानें कि सरकार का दोषियों को संरक्षण प्राप्त है।
प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्य शाक्षी चौहान ने सवाल पूछा कि एक वर्ष में कितनी सरकारी परीक्षाएं करवाई गईं। कितनी परीक्षाएं पेपर लीक होने से रद्द हुईं। जवाब में बाल शिक्षा मंत्री मिशल ने कहा कि एक वर्ष में दो सरकारी परीक्षाएं हुईं। दो को रद्द किया गया। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। हमीरपुर आयोग का मामला कोर्ट में है।
वही , विपक्षी सदस्य ठाकुर प्रशांत सिंह ने पहाड़ी भाषा में सवाल पूछा कि पेयजल संकट को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है। बाल उपमुख्यमंत्री तुषार आनंद ने कहा कि सभी विस क्षेत्रों में कितना पानी दिया जा रहा है, पानी को कहां जमा किया जा रहा है। इसकी कुंडली तैयार कर ली गई है।
प्रदेश के हर व्यक्ति के घर तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार प्रयासरत है। सदस्य निवेदिता जस्टा ने पार्किंग का मामला उठाया। बाल शहरी विकास मंत्री रिजा शेख ने कहा कि नए भवनों में नियमों के तहत पार्किंग का बंदोबस्त किया जा रहा है।
विपक्षी सदस्य शालिनी ठाकुर ने 75 हजार करोड़ कर्ज के बावजूद ओपीएस देने का सवाल उठाया। पूछा कि कर्ज कम करने को सरकार क्या कदम उठा रही है। अनावश्यक खर्च कैसे कम किया जा रहा है। बाल वित्त मंत्री फैजल ने कहा कि 75 हजार करोड़ का कर्ज कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से इस संदर्भ में बैठकें की हैं। वर्ष 2024 में समाप्त होने जा रही शानन बिजली परियोजना की लीज का पक्ष रखा है। परियोजना को प्रदेश के अधीन लाने के लिए प्रयास जारी है। ओपीएस लागू करने का फैसला प्रदेश के हजारों कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने को लिया गया है।
केंद्र के पास जमा एनपीएस फंड वापस लेने के लिए पत्र भेजा था, लेकिन केंद्र ने यह राशि देने से इनकार कर दिया है। सरकार इस राशि को वापस लाने के लिए प्रयासरत है। बाल वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त एक गंभीर मामला है। विभाग वित्त के व्यय का पूरा हिसाब रख रहा है। प्रदेश की धनराशि को अनावश्यक खर्च करने का सवाल ही नहीं उठता है।