हमीरपुर
सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हालिया बयानों पर तीखा हमला बोला है। राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार यह दोहराकर कि वे पिछले 40 साल की व्यवस्था सुधार रहे हैं, क्या यह साबित करना चाहते हैं कि पिछले चार दशकों में प्रदेश के सभी मुख्यमंत्री सिर्फ अव्यवस्था छोड़कर गए हैं और अकेले सुक्खू ने ही राज्य का भला करने का बीड़ा उठाया है?
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने सुक्खू पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर यशवंत सिंह परमार से लेकर वीरभद्र सिंह और रामलाल ठाकुर जैसे नेताओं ने प्रदेश को विकास की दिशा में आगे बढ़ाया है। भाजपा शासन में भी आए सभी मुख्यमंत्रियों ने विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है।
राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के दावों के बावजूद प्रदेश की सच्चाई कुछ और ही है। आज हिमाचल में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं, और राज्य बेतहाशा कर्ज में डूबता जा रहा है। सुक्खू सरकार ने प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा कर्ज उठाकर हिमाचल को आर्थिक दलदल में धकेल दिया है। जनता के लिए किए गए चुनावी वादों की बजाय मुख्यमंत्री ने अपने मित्रों पर प्रदेश का खजाना लुटा दिया है, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा दयनीय हो चुकी है।
राणा ने सुक्खू के उस बयान को भी ढोंग करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने सोने का गिफ्ट देने आए एक अधिकारी को मना किया। राणा ने सवाल उठाया कि यदि मुख्यमंत्री में इतनी नैतिकता है, तो जनता को उस अधिकारी का नाम बताएं और यह भी बताएं कि उन्होंने उस अधिकारी के खिलाफ कौन सी ठोस कार्रवाई की है।
राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुक्खू की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शगूफे छोड़कर अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हिमाचल की जनता अब समझ चुकी है कि सुक्खू सरकार के लिए विकास और जनहित की बजाय उनके निजी और मित्रों के हित सर्वोपरि हैं।