हमीरपुर,
बेशक आधुनिकता के युग में गांव भी कंक्रीट के जंगल बनते जा रहे हैं लेकिन हमीरपुर जिला के बलोह पंचायत की ललिता जसवाल अपने पिता शूरवीर सिंह के पुराने घर को विरासत के रूप में हेरिटेज लुक दे रही है। ललिता जसवाल बेशक अपनी एनजीओ के सिलसिले में अधिकतर दिल्ली और गुड़गांव में रहती है लेकिन जब भी मौका मिलता है सौ साल पुराने घर की देखभाल करने गांव पहुंच जाती है।
ललिता जसवाल ने बताया कि उनके पिता शूरवीर सिंह समाजसेवी रहे हैं। उन्हीं के कदमों पर चलते हुए आज वह भी समाजसेवा में जुटी हुई है। श्रेष्ठा कुमारी मेमोरियल ट्रस्ट बिरडी बलोह 16 अक्टूबर 1989 से समाज के जरूरतमंदों लोगों की मदद कर रहा है।
ललिता जसवाल के मुताबिक पिता ने घर के अंदर टॉयलेट, बाथरूम और गंदे पानी के लिए अंडरग्राउंड व्यवस्था कर स्वच्छता का सुंदर संदेश कई दशक पूर्व ही दे दिया था। पिता द्वारा स्वच्छता को लेकर किए गए इस कार्य की उस वक्त खूब चर्चा भी हुई थी। आज हर घर में टॉयलेट का कॉन्सेप्ट होने के बावजूद गांव के रास्तों पर गंदा पानी बहते देख दुख होता है। ललिता जसवाल के अनुसार स्वच्छता के साथ साथ बच्चों को अच्छे संस्कार देने में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है। बच्चों पर नशा हावी न हो, इसके लिए माताओं का जागरूक होना जरूरी है।