शिमला
प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और सुपरस्पेशिएलिटी संस्थानों में भविष्य की सभी संकाय नियुक्तियों के लिए एक कॉमन कैडर स्थापित करने का सैद्धांतिक रुप से निर्णय लिया है। इस व्यवस्था से समान, दक्ष, बेहतर चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित होने में मदद मिलेगी।। वर्तमान में कॉलेज-विशिष्ट कैडर प्रणाली के अनुसार संकाय नियुक्तियां की जाती हैं, जिससे प्रशासनिक असमानता, सेवा शर्तों में असंगता और विशेष रूप से नव स्थापित चिकित्सा महाविद्यालयों में संकाय की कमी को देखा गया है। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए कॉमन कैडर प्रणाली के माध्यम से संकाय की भर्ती के लिए एक समान प्रणाली, करियर प्रगति और अंतर-संस्थागत स्थानांतरण के लिए एकीकृत संरचना स्थापित की जाएगी, जिससे संकाय प्रबंधन के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी ढांचा सुनिश्चित होगा।
इस पहल से सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सेवा शर्तों में सामंजस्य स्थापित करते हुए भर्ती प्रक्रियाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और करियर उन्नति के अवसरों के लिए मानक स्थापित होंगे। इससे संकाय के बेहतर उपयोग और संसाधनों को आवश्यकतानुसार कुशलतापूर्वक आवंटित करने में भी मदद मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य करियर विकास में असमानताओं को दूर करके संकाय पदोन्नति के लिए योग्यता आधारित प्रणाली को बढ़ावा देकर चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करना है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता बढ़ेगी, संस्थानों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित होगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि कॉमन कैडर की स्थापना से प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित होंगे और राज्य के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित होगी।
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