Friday, April 26, 2024
Follow us on
-
अंदर की बात

1795 में सुजानपुर में खेली गई थी पहली बार तिलक होली, तालाब में तैयार होता था रंग, राजा और प्रजा के बीच मिटती थी दूरियाँ

-
रजनीश शर्मा ( हमीरपुर ) 9882751006 | March 07, 2020 10:59 AM

राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव सुजानपुर पर विशेष 

यहाँ पढ़ें :-

🔵 1761 ई. में कटोच वंश के राजा ने बसाया था ये कस्बा

⚫️ इसलिए पड़ा सुजानपुर नाम

🔴 यहां बने हैं सुंदर भवन और मंदिर

 

⚫️ चौगान में राजा की सेनाएं करती थी अभ्यास

🔵 राजा का जनता से अपार प्यार

 


रजनीश शर्मा / हमीरपुर

वैसे तो हमारे देश में हर जगह होली का अपना महत्व है। हर जगह अपने अपने तरीके से होली मनाई जाती है। लेकिन हमीरपुर के सुजानपुर में खासा महत्व है। इस बार सुजानपुर में 7 से 10 मार्च तक मनाये जा रहे राष्ट्र स्तरीय होली मेले को मनाया जा रहा है मेले के इतिहास से जुड़ी कुछ अहम बातें राजा और प्रजा के बीच परस्पर प्रेम को दर्शाती हैं। कई इतिहासकार इस पर शोध कर चुके हैं।

बताया जाता है कि यहां सन् 1795 में पहली बार तिलक होली खेली गई थी। जिला के सुजानपुर टीहरा में होली का रंग तालाब में घोला जाता था। शोध में यह खुलासा हुआ है।

शोध में पता चला है कि महाराजा संसार चंद इस दिन जनता के बीच आकर होली खेलते थे। वह दीवाने ख़ास में बैठ कर प्रजा को दर्शन देते थे। यह उत्सव तीन दिन तक चलता था, जिसे अब चार दिन का कर दिया गया। इस मेले में प्राचीन संस्कृति को महत्व दिया जाता है। अब भी राजा के लिए रथ लाया जाता है। इस दौरान प्राचीन परंपराएं भी निभाई जाती हैं।

1761 ई. में कटोच वंश के राजा ने बसाया था ये कस्बा

सुजानपुर टीहरा, हमीरपुर का सबसे सुंदर एवं आकर्षक स्थल है। इस नगर की स्थापना करने का कार्य 1761 ई. में कटोच वंश के राजा घमंड चंद ने शुरू किया था मगर इसको संपूर्ण करने का श्रेय उनके पोते संसार चंद को प्राप्त हुआ।
कलाप्रेमी राजा संसार चंद ने इस नगर का निर्माण कलात्मक ढंग से करवाया और यहां की सुंदरता निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ब्यास नदी के बाएं तट पर स्थित नगर की सुंदरता को देखते हुए इसे अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया।

इसलिए पड़ा सुजानपुर नाम

देश के विख्यात कलाकर, विद्वान एवं सुयोग्य व्यक्ति यहां लाकर बसाए, तभी से सुजान व्यक्तियों की सुंदर बस्ती सुजानपुर कहलाने लगी। सुजानपुर में स्थित एक ऊंची पहाड़ी पर सड़क से तीन किलोमीटर दूर टीहरा में राजा संसार चंद के महल स्थित है। इन महलों के प्रवेश द्वार पर दोनों ओर बैठे हुए हाथियों के हौदों के आकार की दो खिड़कियां बनी हुई हैं। यहां से ब्यास नदी को देखने में सुंदरता का अनुभव होता हैं।

यहां बने हैं सुंदर भवन और मंदिर

राजा संसार चंद ने अपने शासनकाल में 1775 से 1823 ई. के दौरान सुजानपुर टीहरा में अनेक भव्य भवनों एवं मंदिरों का निर्माण करवाया। कांगड़ा चित्रकला उनके शासन काल में काफी फली-फूली. यहां के सुंदर मंदिरों की दीवारों पर कांगड़ा कलम के मनोहारी चित्र आज भी जिंदा है। रामायण, महाभारत तथा भागवत पुराण के चित्र राजा संसार चंद के दरबारी कलाकारों ने चित्रित किए हैं।जहां का नर्वदेश्वर मंदिर चित्रकला का गवाह है।मंदिर के चारों कोनों पर सूर्य, गणेश, दुर्गा तथा लक्ष्मी-नारायण के छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं।

चौगान में राजा की सेनाएं करती थी अभ्यास

सुजानपुर टीहरा का चौगान मैदान सुंदरता का प्रतीक है।कटोच वंश के राजाओं की सेनाएं जहां अभ्यास किया करती थी।यह चौगान मैदान 514 कनाल पर समतल है।राजा संसार चंद द्वारा मैदान के एक कोने में 1785 ई.शिखर शैली में मुरली मनोहर मंदिर को राजा संसार चंद ने बैजनाथ स्थित शिव मंदिर के अनुरूप ही बनवाया था।होली मेले से मुरली मनोहर मंदिर का अहम महत्व है।जहां पर राजा-रानी स्वयं पूजा किया करते थे। इसके दक्षिण में कटोच वंश की कुलदेवी चामुंडा देवी का मंदिर है।

राजा का जनता से अपार प्यार

राजा का प्रजा से असीम प्यार था। राजा प्रमुख धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अनुष्ठानों व आयोजनों में प्रजा को सम्मिलित करना कभी नहीं भूलते थे।उन्होंने होली के रंगीन पर्व को ब्रज होली की भांति लोकोत्सव का स्वरूप प्रदान किया था।

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और अंदर की बात खबरें
https://youtu.be/sORW3-IETxk?si=e58PuhC8b_Ult-l5 कितना साफ पानी पी रहे आप...एलईडी स्क्रीन पर मिलेगी जानकारी राजकीय भाषायी कर्मचारियों के प्रति प्रदेश सरकार का रवैया बिल्कुल ठीक नहीं; हेमराज ठाकुर हाटियों ने दी सरकार को दीपावली तक की मोहलत ट्रांसपोर्ट सोसायटी सदस्य पवन की सदस्यता सहायक रजिस्ट्रार ने की बर्खास्त विधानसभा में जोर-जोर से गूंजा पत्र बम का मामला नारी शक्ति वंदन विधेयक 'नारी शक्ति' 'राष्ट्र शक्ति' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम : योगी दो दोस्तों ने खाली सींरींज से बना दी जेसीबी हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने रद्द किया कल होने वाला Post Graduate और B.Ed का Exam हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने HPAS का 23 जुलाई को होने वाली परीक्षा टली, अगस्त में होगी परीक्षा। हार्ट अटैक से बचना है तो लिंक पर क्लिक करें और पूरा पढ़ें।
-
-
Total Visitor : 1,64,72,997
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy