Thursday, May 02, 2024
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
अक्षिता रही तीनों संकायों में प्रथम ,टौणी देवी  स्कूल का परीक्षा परिणाम  92.4   प्रतिशत रहाजिला निर्वाचन अधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने चिड़गांव के सुन्धा मतदान केंद्र का किया निरीक्षण सुजानपुर में भाजपा और कांग्रेस का एक धड़ा राकेश ठाकुर को आजाद लड़वाने को बना रहा दबावडीसी व एसपी ने जुब्बल विस क्षेत्र के मतदान केंद्रों का किया निरीक्षणबड़सर में किसान मोर्चा की बूथ विजय संकल्प बैठक आयोजितहमीरपुर से अनुराग के खिलाफ कांग्रेस में सतपाल को उतारने की "राय ज्यादा "प्राकृतिक आपदा प्रबन्धन पर पांच दिवसीय कार्यशाला आरम्भपीएम श्री आदर्श विद्यालय आनी का बोर्ड 10+2  रिजल्ट में जलवा बरकरार* 
-
कविता

ये भेद अभेद्य है; पुष्पा ठाकुर

-
पुष्पा ठाकुर | June 26, 2023 12:53 PM
फोटो: पुष्पा ठाकुर


सब सिखा सब कुछ बिका
सच कभी नहीं जाना न दिखा।
धर्म में बंटवारा,जाति पर लड़ाई,
स्त्री और पुरूष का फर्क ,
इन्सानियत का खून है भाई।
न जोड़ा हमने मानुष को प्रेम से,
तोड़ने की नई -नई तरकीबें बनाई।
मैं हूं महान वो छोटा है,
मैं उच्च वो खोटा है।
अरे कौन सी गठरी है जो ढो रहा,
क्यों मानुष क्यों रोता है।
नफ़रत से नफ़रत को काटेगा,
कुछ गद्दारों की खातिर देश भी बांटेगा।
गुनेहगार एक्का दुक्का होता है,
कैसे इन्हें भिड़ से छांटेगा।
बीमारी एक नक्श भर की है,
हाथ पूरा काटेगा।
भारत माता के सहस्रों हाथ,
कौन सा धर्म कौन सी जाति छांटेगा।
कैसे तय होगा भारत किसका है,
बांट कर देख लिया पहले भी,
कब कितना इसे फिर बांटेगा।
सबने लहूं बहाया सरहदों पर,
अन्दर किसका सर काटेगा।
हर धर्म, जाति के लाल की याद
इंडिया गेट ,
जा वहां कैसे शहादत को बांटेगा,
किसकी कम किसकी ज्यादा आंकेगा।
एक बार फिर से बांट दें भारत के सिने को,
दुश्मन जो पर्दे से देख रहा,
सामने से झांकेगा।
अमर ज्योति को बुझा देगा क्या,
सिने पर गोलियां खाई उन्हें भूला देगा क्या।
न गोली ने भेद किया न दुश्मन ने,
साथ में मरने वाला भी भाई था भूला देगा क्या।
कफ़न में लिपटा देगा शहीद को भी अब,
तिरंगे की रीत भी मिटा देगा क्या।

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और कविता खबरें
आओ हम स्कूल चले, नव भारत का निर्माण करें। एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्‍मेलन का आयोजन राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान 2023 से सम्मानित हुए युवा कवि राजीव डोगरा https://youtube.com/watch?v=CwwB-3QWd7c&si=sDQTJwQAxAjzhthR हिंदी की यही अभिलाषा हिंदी बने राष्ट्रभाषा; लोकेश चौधरी क्रांति आन मिलो मुरारी: सबके चित में तुम बसे , जैसे मुरली ताल शान ए कांगडा़ सम्मान से सम्मानित हुए युवा कवि राजीव डोगरा आज मैं आजादी की गाथा सुनाती हूं ,कैसे मिली आजादी यह सबको बताती हूंं ; लोकेश चौधरी ' क्रांति नैनों में तस्वीर तुम्हारी ,दिल में यादों का संसार ;अंजना सिन्हा "सखी पुकार रही है उसकी सजनी, अबकी मिल जाए मेले; अंजना सिन्हा "सखी " जय हिंद के प्रहरी ; पूनम त्रिपाठी "रानी"
-
-
Total Visitor : 1,64,87,669
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy