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कविता

आज मैं आजादी की गाथा सुनाती हूं ,कैसे मिली आजादी यह सबको बताती हूंं ; लोकेश चौधरी ' क्रांति

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लोकेश चौधरी ' क्रांति ' | August 05, 2023 12:21 PM
चित्र : राष्ट्रीय तिरंगा और लोकेश चौधरी

आजादी

आजादी आजादी खैरात में नहीं मिली आजादी .........

आज मैं आजादी की गाथा सुनाती हूं ।
कैसे मिली आजादी यह सबको बताती हूंं ।।

जब सावरकर ने काला पानी में कोल्हू चलाया था।
अंग्रेजों को अपने स्वाभिमान से झुकाया था ।
छत्रपति शिवाजी ने मुगलों के विरुद्ध तांडव मचाया था
पोरस ने सिकंदर को भारत से भगाया था ।
मंगल पांडे ने 1857 की क्रांति का बिगुल बजाया था
जब अंग्रेजों ने निहत्थे भारतीयों पर गोली चलवाई थी ।
तब उधम सिंह ने लंदन में अंग्रेजों को उनकी औकात दिखाई थी ।।
तब जाकर यह आजादी हमको मिल पाई थी .....

आज मैं आजादी की गाथा सुनाती हूं
कैसे मिली आजादी यह सब को बताती हू ।।

रानी ने जब झांसी में तलवार उठाई थी ।
झलकारी ने देश प्रेम की राह दिखाई थी ।
पद्मिनी ने जौहर करके लाज बचाई थी ।
दुर्गावती ने युद्ध क्षेत्र में जान गवाई दी थी ।।
जब अंग्रेजों ने भारतीयों की पल-पल की रुसवाई थी ।
सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी कलम से आजादी की अलख जगाई थी ।

तब जाकर यह आजादी हमको मिल पाई थी .......
आज मैं आजादी की गाथा सुनाती हूं ।
कैसे मिली आजादी यह सबको बताती हूंं ।।

13 साल की उम्र में आजाद ने कोड़े खाए थे ।
भगत सिंह अंग्रेजों पर शेर की तरह गुर्राएं थे ।
राजगुरु सुखदेव फांसी पर चढ़ने से ना घबराए थे ।।
खुदीराम बोस ने अंग्रेजों को नाकों चने चबवाये थेे ।
जब अंग्रेजों ने भारतीयों की पल-पल की रुसवाई थी ।
तब सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज बनाई थी ।।
तब जाकर यह आजादी हमको मिल पाई थी ......

आज मैं आजादी की गाथा सुनाती हूं ।
कैसे मिली आजादी यह सबको बताती हूंं ।।

लोकेश चौधरी ' क्रांति '
स्वरचित कविता
गुरुग्राम हरियाणा

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