Saturday, April 27, 2024
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कविता

आओ हम स्कूल चले, नव भारत का निर्माण करें।

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डॉ.राजीव डोगरा | March 29, 2024 06:40 PM
 
कांगड़ा,
 
 
छूट गया है जो 
बंधन भव का 
आओ मिलकर उसको 
पार करें,
आओ हम स्कूल चले .....
 
जाकर स्कूल हम
गुरुओं का मान करें 
बड़े बूढ़ों का कभी न
हम अपमान करें,
आओ हम स्कूल चले.......
 
जाकर स्कूल हम 
दिल लगाकर पढ़ेंगे
मौज मस्ती और खेलकूद भी 
खूब करेंगे,
आओ हम स्कूल चले.......
 
क ख ग का गान कर 
हम हिंदी का मान बढ़ाएंगे।
एक दो तीन चार पढ़ कर
गणित का ज्ञान भी करेंगे।
आओ हम स्कूल चले.......
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