शिमला,
हिमाचल, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नागरिक चिकित्सालय में मरीजों के उपचार का जिम्मा एक-एक डॉक्टर के पास है। कई महीनों से लगातार 24 घंटे से भी अधिक समय तक ड्यूटी देने के कारण अब चिकित्सक मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। राज्य में भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा मानक के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नागरिक चिकित्सालय में तय स्वीकृत पदों के तहत चिकित्सकों की तैनाती नहीं की है।
प्रदेश में अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 और नागरिक चिकित्सालय में 20 डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए। लेकिन मौजूदा समय में अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक चिकित्सकों से काम करवाया जा रहा है। इससे डॉक्टरों को एक दिन की छुट्टी लेना अभी मुश्किल हो गया है। नजाने यह सरकार इन खाली पदों को कब भरेगी, एक लाख नौकरी देने वाले आज एक भी नौकरी नहीं दे पा रहे। इस प्रकार से सरकार पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो जाता है।
उन्होंने कहा की बिलासपुर जिला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हटवार, हरलोग, तलाई, घवांडल, पंजगाईं, स्वारघाट में एक चिकित्सक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कांगड़ा के नागरिक चिकित्सालय नूरपुर में 13 पद थुरल में 6 पद, खुडियां में सभी पद रिक्त खाली हैं। किन्नौर में नागरिक चिकित्सालय कांगो में एक, कुल्लू जिला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज और पतलीकूहल में एक पद रिक्त होने से एक ही चिकित्सक से दिन रात काम चलाया जा रहा है। लाहौल स्पिति जिला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शांशा में दो चिकित्सक तैनात हैं बाकी पद रिक्त चल रहे हैं। मंडी में नागरिक चिकित्सालय लड़भड्डोल एवं चौंतडा में चिकित्सक तैनात नही है। नागरिक चिकित्सालय नगवाई में 4, कोटली में 3, टिहरा में 2, मंडप में 3 पद खाली है।।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलनघाट, अश्ला, पंडोह में चिकित्सकों के सभी पद खाली है। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मढ़ी, पांगना, चोलथरा में एक ही चिकित्सक तैनात है। इसके अलावा सिरमौर नागरिक चिकित्सालय ददाहू में 5 पद रिक्त चल रहे हैं और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कफोटा, संग्राह, चिल्लोग में एक ही चिकित्सक तैनात है। जबकि चंबा में नागरिक चिकित्सालय भरमौर में 6, किहार में 4, तिस्सा में 8 और किल्लाड़ में 6 पद रिक्त चल रहे हैं।