शिमला
हिमाचल प्रदेश में सियासी उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश की महिलाओं को 1500 रूपए प्रति माह पेंशन देने की घोषणा की। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, उन्होंने इस फैसले को आनन-फानन में सरकार बचाने के लिए दिया गया फैसला बताया, उन्होंने कहा कि ठीक चुनाव से पहले इस तरह की घोषणा करके सरकार प्रदेश की मातृ शक्ति को गुमराह करने का काम कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने महिलाओं को 1500 दिए जाने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि बजट पास होने के 6 दिनों के बाद इस तरह की घोषणा करने का क्या औचित्य है, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश की महिलाओं को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 1 अप्रैल से सभी महिलाओं को 1500 देने का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने 18 से 60 साल की 5 लाख महिलाओं को 1500 देने की बात कही, लेकिन हिमाचल प्रदेश में 18 से 60 साल की उम्र की महिलाओं का आंकड़ा 22 लाख है। सरकार सिर्फ सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त महिलाओं को ही पेंशन दे रही है, उन्होंने कहा की सरकार अपनी गारंटी से मुकर गई है और प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन से विपक्ष के विधायकों को निष्कासित करके बजट पास किया गया। अब चुनाव से ठीक पहले महिलाओं को 1500 पेंशन देने की घोषणा की जा रही है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
वहीं वर्तमान राजनीतिक स्थिति को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। सरकार किसी न किसी ढंग से सरकार को बचाने की कोशिश में डटी हुई है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आनन-फानन में प्रिवलेज कमेटी का गठन किया गया और भाजपा के विधायकों को नोटिस भजे गए।उन्होंने कहा कि सरकार भाजपा के विधायकों की भी 6 कांग्रेसी विधायकों की तरह विधानसभा सदस्यता रद्द करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले सदन के अंदर विधायकों को कागज उछालते, माइक तोड़ते हुए भी देखा गया,लेकिन उन पर भी इस तरह की करवाई नहीं की गई। जयराम ठाकुर ने कहा कि वह इस मामले के सभी कानूनी पक्षों को देखकर हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है।