हमीरपुर,
हमीरपुर सदर के विधायक आशीष शर्मा पर एफआईआर दर्ज होने तथा हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बावजूद हमीरपुर शांत है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में अटकी निष्कासित विधायकों की सांसों और आशीष के खिलाफ एफआईआर के बीच समर्थक भी परिस्थितियां अनुकूल होने का इंतजार कर रहे हैं।
समाज सेवा से आए राजनीति में
समाजसेवा से राजनीति में आए विधायक आशीष शर्मा पिछले चार साल से हमीरपुर से चुनाव लड़ने को लेकर सक्रिय रहे थे। भाजपा के टिकट को लेकर करवाए सर्वे में आशीष शर्मा का नाम सबसे उपर था। लेकिन, संगठन के भारी विरोध के चलते उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। इसके बाद आशीष शर्मा दिल्ली में हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से मिले। शुक्ला के आशीर्वाद के बाद आशीष शर्मा ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव नामांकन भरा। लेकिन, यहां भी कांग्रेस जुबान देकर मुकर गई।
विधायक आशीष ने भाजपा कैंडिडेट को तीसरे स्थान पर धकेला
इसके बाद आशीष शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया और चुनाव में जीत दर्ज की। आशीष ने सत्तादारी जयराम सरकार में हमीरपुर से विधायक नरेंद्र ठाकुर को तीसरे स्थान पर धकेला। जबकि, कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा दूसरे स्थान पर रहे। आशीष शर्मा को कुल 25,916 वोट मिले। जबकि भाजपा के नरेंद्र ठाकुर को 12,794 और कांग्रेस को 13,017 वोट मिले। जीत के दोगुने अंतर को देखकर भाजपा और कांग्रेस में राजनीतिक के चाणक्य भी हैरान हैं।
पार्टी ज्वाइन की तो मचेगी भाजपा और कांग्रेस में उथल-पुथल
आशीष शर्मा अगर भाजपा या कांग्रेस दोनों में से किसी दल को ज्वाइन करते हैं तो विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर में काफी उथल-पुथल मच सकती है। क्योंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में जो पूर्व में विधायक रह चुके हैं, उनके अलावा टिकट के दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त है। कांग्रेस से पूर्व सीपीएस अनीता वर्मा, एडवोकेट रोहित शर्मा और कुलदीप पठानिया को पीछे धकेल कर इस बार डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने चुनाव लड़ा। लेकिन, जीत हासिल नहीं हुई। इस बार के चुनाव में हमीरपुर सीट से सुनील शर्मा बिट्टू का नाम भी टिकट पैनल में सबसे ऊपर था। लेकिन, टिकट न मिलने पर अब उन्हें मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार के तौर पर कैबिनेट रैंक मिला है। इसी तरह भाजपा में पूर्व विधायक नरेंद्र ठाकुर और पूर्व सीपीएस उर्मिल ठाकुर के अलावा नरेंद्र अत्री, नवीन शर्मा, अजय शर्मा समेत अन्य कई लोग हैं जो टिकट की दौड़ में शामिल रहे हैं। विधानसभा के 2027 के चुनाव हमीरपुर सदर में आशीष शर्मा के राजनीतिक निर्णयों पर परिणाम देंगे।