शिमला,
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड डेटा के प्रकाशन पर विपक्ष के हंगामे के बीच भाजपा ने अब पलटवार किया है। भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि कुल 20 हजार करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड में से भाजपा को तो 6000 करोड़ का चंदा दिया गया है, जबकि बाकी विपक्षी पार्टियों को मिला है। नंदा ने कहा, "कुल 20000 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड में से 6000 करोड़ रुपये के बॉन्ड बीजेपी के पास गए हैं, जबकि 14000 करोड़ रुपये के बॉन्ड विपक्ष के पास गए हैं। हर कोई जवाबदेह है और सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी के लिए समान रूप से लागू होगा। चुनावी बॉन्ड को लाने के बारे में बोलते हुए कर्ण नंदा ने कहा कि इन बॉन्ड के तहत राजनीतिक दलों को दान किए गए धन का हिसाब-किताब किया जाता है, क्योंकि वे बैंकों और कंपनी के अकाउंट्स के माध्यम से सामने आ जाते हैं। भाजपा ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना इसलिए शुरू की गई थी, ताकि नकदी के माध्यम से भ्रष्टाचार को रोका जा सके। आज, पैसा बैंकों और कंपनियों के अकाउंट्स के माध्यम से आते हैं। पहले, यह सारा पैसा नकद में आता था। यह काला धन था।
वहीं, डीएमके को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 656.5 करोड़ रुपए मिले, जिसमें लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के फ्यूचर गेमिंग से 509 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस जीकी देश में 33 लोक सभा सीटें है ने 1,334.35 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए हैं। इसके अलावा ओडिशा की सत्ताधारी बीजेडी को 944.5 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले हैं। वहीं आंध्र की सत्ताधारी पार्टी टीडीपी को 181.35 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। गौरतलब है कि लॉटरी किंग के नाम से मशहूर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स के फाउंडर का नाम सैंटियागो मार्टिन है।
उन्होंने कहा कि हम आम आदमी पार्टी के नेताओं से पूछना चाहते हैं कि आपको चुनावी बॉन्ड प्राप्त नहीं हुआ क्या आपने सारा पैसा कैश में लिया, आपके पास जो पैसा है शायद वह ब्लैक मनी तो नही।