हमीरपुर
हर साल 15 अक्टूबर को विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया जाता है, जो महान वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जन्मदिवस को समर्पित है। यह दिन विद्यार्थियों को उनकी क्षमता पहचानने और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करता है। डॉ. कलाम ने शिक्षा और युवाओं के विकास पर विशेष जोर दिया और उनकी शिक्षाओं से सीखते हुए युवा आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ते हैं।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सात दिवसीय शिविर का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री रजनीश रांगड़ा और विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रबर डॉल निधि डोगरा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। 15 से 21 अक्टूबर तक चलने वाले इस शिविर के अंतर्गत एनएसएस स्वयंसेवक पाठशाला परिसर, स्थानीय गायत्री मंदिर, टौणी देवी मंदिर, और ग्राम टपरे में विभिन्न सेवा कार्य करेंगे, जिनमें वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान, नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम, रैली और नुक्कड़ नाटक शामिल हैं। कार्यक्रम अधिकारी विजय कुमार और रीता बाली ने शिविर की विस्तृत रूपरेखा से विद्यार्थियों को अवगत कराया।
हिमाचल प्रदेश की रबर डॉल के नाम से प्रसिद्ध और 6 विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने वाली निधि डोगरा की शानदार प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी कला ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत, सृजनात्मकता, और जुनून का महत्व समझाया। निधि ने यह संदेश दिया कि जीवन में अपने जुनून को सार्थक दिशा देने से महान उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि छात्रों के आदर्श डॉ. कलाम और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं राष्ट्रीय सेवा योजना का आधार हैं। एनएसएस युवाओं को राष्ट्र निर्माण और समाज सेवा में योगदान देने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे शिविर छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास का माध्यम बनते हैं, साथ ही उनमें देशभक्ति, समाज के प्रति दायित्व, नैतिकता और सेवा भाव का विकास करते हैं। शिक्षा का सही उद्देश्य सिर्फ अंक प्राप्त करना नहीं है, बल्कि चरित्र निर्माण और मूल्य आधारित शिक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है और इसके लिए एनएसएस की भूमिका अति महत्वपूर्ण है I
प्रधानाचार्य ने निधि डोगरा को सम्मानित करते हुए कहा कि विद्यालय को गर्व है कि इतनी कम उम्र में उन्होंने आश्चर्यजनक उपलब्धियां हासिल की हैं। उनका जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व छात्र दिवस पर एक छात्रा द्वारा एनएसएस शिविर का शुभारंभ होना इस आयोजन के महत्व को और बढ़ा देता है। शिविर में योग और ध्यान सत्र भी आयोजित किए जाएंगे ताकि छात्रों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य मजबूत हो सके। प्रधानाचार्य ने सभी छात्रों से शिविर में सक्रिय भागीदारी की अपील की और कहा कि इस प्रकार के शिविर जीवन में अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी की नींव रखते हैं। शिविर के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ बच्चों के साथ संवाद करेंगे, जिससे उन्हें जीवन के नए आयामों को समझने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम के अंत में निधि डोगरा के कोच शशि कुमार को भी उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।