Monday, December 30, 2024
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण एवं कल्याण समिति की बैठक का आयोजनकभी जल संकट से जूझता था हरोली... अब है कुशल जल प्रबंधन की उम्दा मिसाल2 जनवरी को सिहुन्ता पुलिस स्टेशन और उप मंडलीय पुलिस कार्यालय चुवाड़ी का करेंगे शुभारंभ   प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने रामपुर से कुल्लू को जोड़ने वाली जलोड़ी जोत के निर्माण को केंद्र की मंजूरी पर खुशी व्यक्त करते हुएबारिश व बर्फबारी के कारण बंद अधिकांश सड़कों पर यातायात बहाल- उपायुक्त*जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईवीएम और वी वी पैट भंडार कक्ष का निरीक्षण किया*सेवानिवृति पर विशेष : बंद होने की कगार पर था सरकारी प्राइमरी स्कूल बारी अपनी आधी सैलरी दे रखे अध्यापक और  बढ़ाई छात्र संख्याआनी के  ग्रामीण क्षेत्रों में 15 पोष की रात्रि को कद्दू खाने की परंपरा आज भी कायम
-
दुनिया

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men's Day) : डॉ विनोद नाथ

-
संपादकीय | November 19, 2024 11:26 AM
चित्र: साभार गूगल


अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men's Day) हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पुरुषों की भूमिका, उनके स्वास्थ्य और कल्याण, उनके अधिकारों और समाज में योगदान को पहचानना है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 1992 में त्रिनिदाद के विद्वान डॉ. जेरोम टीलुकसिंघ के कारण हुई। उनका दृष्टिकोण पुरुष स्वास्थ्य, लिंग-आधारित हिंसा और सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल के महत्व जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करते हुए पुरुषों की उपलब्धियों और योगदान का जश्न मनाने के लिए समर्पित एक दिन मनाना था।

यह दिवस पुरुषों की सकारात्मक छवि को बढ़ावा देने, उनकी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने और पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पुरुषों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों और पुरुषों से संबंधित अन्य मुद्दों को उजागर करना है। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस को 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में डॉ. जेरोम टेलर द्वारा पहली बार मनाया गया था, और तब से यह दुनिया भर में मनाया जा रहा है।
आजकल बहुत से मामले देखे गए हैं जिनमें महिलाओं द्वारा पुरुषों का उत्पीड़न हो रहा है। इस विषय में संज्ञान लिया जाना चाहिए कि कैसे कोई पत्नी या महिला महिला के मानसिक उत्पीड़न व अन्य प्रकार के उत्पीड़न में भागीदार हो रही है। हमारे देश में अनेकों कानून महिलाओं के विरुद्ध किए गए अत्याचारों के लिए बनाए गए हैं किंतु वास्तविकता यह है कि हम पुरुषों पर किए गए अत्याचारों के लिए कोई कारगर उपाय इस समाज में पैदा नहीं कर पाए।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बारे में पिछले वर्ष अपनी टिप्पणी में कहा कि हमारा समाज जेंडर बेस्ड वार अर्थात लैंगिक आधार पर आपसी वर्चस्व की लड़ाई से अधिक अधिक पीड़ित हो रहा है। हमारे समाज में समरसता  और आपसी समझ को बढ़ाने के लिए इस विषय में कुछ मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक रूप से मंथन की बढ़िया आवश्यकताहै।

-
-
Related Articles

उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण एवं कल्याण समिति की बैठक का आयोजन

कभी जल संकट से जूझता था हरोली... अब है कुशल जल प्रबंधन की उम्दा मिसाल

2 जनवरी को सिहुन्ता पुलिस स्टेशन और उप मंडलीय पुलिस कार्यालय चुवाड़ी का करेंगे शुभारंभ  

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने रामपुर से कुल्लू को जोड़ने वाली जलोड़ी जोत के निर्माण को केंद्र की मंजूरी पर खुशी व्यक्त करते हुए

बारिश व बर्फबारी के कारण बंद अधिकांश सड़कों पर यातायात बहाल- उपायुक्त

*जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईवीएम और वी वी पैट भंडार कक्ष का निरीक्षण किया*

सेवानिवृति पर विशेष : बंद होने की कगार पर था सरकारी प्राइमरी स्कूल बारी अपनी आधी सैलरी दे रखे अध्यापक और  बढ़ाई छात्र संख्या

आनी के  ग्रामीण क्षेत्रों में 15 पोष की रात्रि को कद्दू खाने की परंपरा आज भी कायम

भुंतर से छोड़े पशु पहुंचे आनी के पोखरी पंचायत 

हमीरपुर - आवाहदेवी नेशनल हाइवे पर कहीं कीचड़ तो कहीं बने पानी के तालाब

Have something to say? Post your comment
-
और दुनिया खबरें
-
-
Total Visitor : 1,70,11,958
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy