चंबा, फरवरी 5
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने कहा कि ज़िला चंबा की उत्कृष्ट कला एवं शिल्प व्यवसाय से जुड़े कलाकारों तथा शिल्पकारों के आर्थिक स्वावलंबन के लिए चम्बयाल-2 प्रोजेक्ट अहम भूमिका निभाएगा ।
उपायुक्त आज यहां ज़िला विकास कार्यालय के तत्वावधान में चम्बयाल-2 प्रोजेक्ट के तहत आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि भाग लेते हुए बोल रहे थे ।
कार्यशाला में पदम श्री विजय शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
मुकेश रेपसवाल ने कहा कि कलाकारों-शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए पारंपरिक उत्पादों की बिक्री के लिए
चम्बयाल-2 प्रोजेक्ट अहम भूमिका निभाएगा । प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए 2 करोड़ की राशि व्यय होगी।
उपायुक्त ने कलाकारों-शिल्पकारों को व्यवसाय से संबंधित पेश आ रही विभिन्न चुनौतियों एवं समस्याओं को चम्बयाल -2 प्रोजेक्ट में शामिल कर उनके समाधान का भी भरोसा दिया ।
मुकेश रेपसवाल ने ज़िला की अति समृद्ध लोक कला एवं संस्कृति का अपने संबोधन में उल्लेख करते हुए कहा कि पारंपरिक धातु शिल्प कला, प्रस्तर कला, काष्ठ कला ,मिनिएचर पेंटिंग,
चंबा चप्पल, चंबा थाल, चंबा रुमाल आदि पारम्परिक शिल्प कलाओं का
अपना विशेष ऐतिहासिक महत्व है।
उन्होंने कलाकारों-शिल्पकारों को स्वयं सहायता समूहों, क्लस्टर लेवल संगठनों, विभिन्न आर्ट एंड क्राफ्ट समितियों से जोड़े जाने की आवश्यक्ता पर जोर दिया। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि कलाकारों-शिल्पकारों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
कार्यशाला में पदम श्री विजय शर्मा ने भी अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किए।
इस दौरान राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान कांगड़ा से डॉ. अनिल ने ब्रांडिंग और पैकेजिंग, डॉ. राजीव कुमार ने उत्पादों का विपणन, केंद्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा से डॉ. निरुपमा सिंह ने चम्बा की कला और शिल्प का पुनरुद्धार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां तथा ज़िला कुल्लू से प्रदीप कुमार ने सफलता के अनुभव साझा किए।
इससे पहले अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी अमित मेहरा ने स्वागत संबोधन रखते हुए कलाकारों-शिल्पकारों के उत्थान के लिए ज़िला में कार्यान्वित की जा विभिन्न गतिविधियों का व्योरा रखा ।
ज़िला विकास अधिकारी ओपी ठाकुर ने चम्ब्याल-2 प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी रखने के साथ मुख्य अतिथि सहित विभिन्न गणमान्य विभूतियों को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर ज़िला रोजगार अधिकारी अरविंद सिंह चौहान, प्रभारी भूरी सिंह संग्रहालय डॉ. सुरेंद्र कुमार, अर्थशास्त्री ज़िला विकास कार्यालय डॉ.विनोद कुमार सहित काफी संख्या में स्थानीय कलाकार-शिल्पकार उपस्थित रहे ।