हिमाचल में भी देखा गया हड़ताल का असर
वेज रिवीजन, एनपीए और रिक्त पदों को भरने की कर्मचारियों की मांग
भविष्य में अनिश्चितकालीन हड़ताल की केंद्र सरकार को दी चेतावनी
शिमला,
देश भर में राष्ट्रीय बैंको में आज हड़ताल रही जिसका असर हिमाचल प्रदेश में देखने को मिला।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के विरोध में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश बैंक एंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारी केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि बैंकों का विलय रोका जाए। खराब ऋण की वसूली सुनिश्चित कर ऋण नहीं चुकाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान किया जाए। फेडरेशन ने मांग की है कि बैंकों की तरफ से दी जा रही ग्राहकों की सेवाओं पर सेवा शुल्क में वृद्धि न की जाए और जमा रकम पर ब्याज दर बढ़ाई जाए।इसके अलावा एटीएम से तीन बार से ज्यादा ट्रांसक्शन करने पर शुल्क लगाने की कंडीशन को हटाया जाए।फेडरेशन के अस्सिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी रंजीत शर्मा ने बताया कि बैंक कर्मचारी ने नोटबन्दी और सरकार की योजनाओं को लोग तक पहुंचाने के लिए दिन रात काम किया है बावजूद इसके सरकार कर्मचारियों की मांगों पर गौर नहीं कर रही।बैंको में रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है जिससे कर्मचारियों पर काम का बोझ पड़ रहा है।कर्मचारियों का वेज रिवीजन दो साल से नहीं हुआ है।फेडरेशन ने सरकार को चेताया है कि अगर कर्मचारियों की मांगों पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो कर्मचारी आने वाले समय मे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।
बैंकों में तृतीय आउट चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हड़ताल रहे जबकि अधिकारियों की ओर से कामकाज चलता रहा। दीवाली और धनतेरस से पहले बैंक बंद होने से कारोबारी के साथ आम लोगों को भी थोड़ी परेशानी हड़ताल के कारण उठानी पड़ी।