रामपुर बुशहर,
रामपुर के सचिवालय भवन की दशा दिनोदिन बिगड़ती जा रही है इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। करोड़ों रुपए की लागत से बना यह भवन खंडहर में तबदील होता जा रहा है। भवन की ऊपरी मंजिल पर लगी पानी की टंकियों से लगातार हो रहे पानी के रिसाव के कारण अधिकांश कमरों में सीलन है, यहां रखा लाखों का सामान भी खराब हो रहा है। रिसाव के चलते भवन की दीवारों पर झाड़ियां व पेड़ उग आए हैं जो कि इमारत को और बदसूरत बना रहे हैं। इमारत में सफाई की व्यवस्था न होने के कारण दीवारों पर जाले लगे हैं टूटा फूटा फर्नीचर कार्यालयों के बाहर पड़ा है। यहां तक कि शौचालयों के दरवाजे तक टूट चुके है एक अदद सफाई कर्मचारी या चौकीदार तक की तैनाती नहीं गई है।
इस इमारत को बने करीब बीस साल का समय गुजर चुका है लेकिन एक बार भी रंगरोगन या मुरम्मत का काम नहीं हो पाया है। यहां पर दो दर्जन से अधिक विभागों के कार्यालय हैं लेकिन सफाई व अन्य व्यवस्थाओं के प्रति कोई भी संजीदा नहीं दिखता है।
इस बारे में उमपंडलाधिकारी (ना.) नरेंद्र चौहान का कहना है कि सभी कार्यालयों में उनके अपने सफाई कर्मचारी होते हैं उनकी जिम्मेवारी है कि सफाई का ध्यान रखें अधिकारी उनसे सफाई करवाएं। रुटीन में सफाई का जिम्मेवारी उन्हें खुद लेनी चाहिए। अधिकारियों को चाहिए कि वे सफाई कर्मचारी की मोनीटरिंग करें कमरों के साथ साथ कोर्टयार्ड तथा गैलरी में सफाई करवाएं।
जहां तक रिपेयर का सवाल है इसके लिए अलग से एस्टीमेट बना कर भेजा जाएगा सैंक्शन आने के बाद रिपेयर की जा सकेगी।