शिमला,
इंटरनेशनल रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट रूस और भारत के बीच विश्वास एवं शान्तिपूर्ण सम्बन्धों को मजबूत करने में एक महत्वूपर्ण भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज यहां आयोजित अंतर्राष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट के न्यास बोर्ड की 18 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य की वृहद सांस्कृतिक विरासत है और राज्य सरकार इसे संरक्षित करने तथा बचाने के लिए दृढ़संकल्प है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर स्थित है और कुल्लू-मनाली आने वाले विदेशी सैलानी हमेशा रोरिक आर्ट गैलरी का दौरा करते हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट नगर के मुख्य स्थल पर विराजमान है और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की आध्यात्मिक प्रकृति के रूप में रूस और भारतीयों के दिलों को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान ट्रस्ट को दो करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई थी ताकि न्यास अपनी गतिविधियों को और मजबूत कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कला एवं संस्कृति के प्रमुख केन्द्र के अलावा सैलानियों का मुख्य आकर्षण बनाने के लिए रोरिक आर्ट गैलरी को हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संग्रहालय अनुदान योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय को एक व्यापक प्रस्ताव भी भेजेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार और रूस सरकार इस ट्रस्ट के रखरखाव और विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं। ट्रस्ट को आईसीआर मॉस्को के सक्रिय समर्थन के साथ भारत में रूसी दूतावास के माध्यम से राज्य सरकार और रूस सरकार द्वारा पारस्परिक सहयोग के आधार पर संचालित किया जा रहा है।
भारतीय गणराज्य के लिए रूसी संघ के राजदूत निकोले कुदाशेव के ज़हन में यह बात है कि रोरिक वास्तव में सामाजिक और स्वतंत्र आन्दोलन है, जो सार्वजनिक-निजी साझेदारी मानववादी विचारों को विकसित करने और फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान करेगी। उन्होंने कहा कि रूसी दूतावास संग्रहालय के रखरखाव, संरक्षण तथा इसकी बहाली के मुद्दों पर राज्य सरकार के साथ बारिकी से सहयोग करने के लिए तैयार है।
बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि अंतर्राष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट परिसर को रोरिक विरासत के रूप में विकसित करने के साथ-साथ कलाकारों, विद्वानों, विशेषज्ञों के लिए विश्राम गृहों के निर्माण के लिए विकसित किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि रोरिक मेमोरियल संग्रहालय परिसर रोरिक हाउस की बहाली को शामिल करके सृजित किया जाएगा।
बोर्ड ने बैठक में इंटरनेशनल रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट गैलरी/संग्रहालयों में प्रवेश शुल्क की दरें तथा हेलेना रोरिक कला अकादमी में प्रवेश शुल्क और मासिक शुल्क की दरें निर्धारित करने का भी निर्णय लिया। चूंकि, लगभग 300 चित्रों को ट्रस्ट में विभिन्न कलाकारों द्वारा दान किया गया है, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि इन चयनित चित्रों के प्रिंट की नीलामी की जाएगी।
सचिव भाषा एवं संस्कृति डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
वन और परिवहन मंत्री गोन्विद ठाकुर, मुख्य सचिव बी. के. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बल्दी, राष्ट्रीय रोरीक समिति के अध्यक्ष अलेग्जेंडर लॉस्युकोव, ट्रस्टी अशोक ठाकुर और एस.एस.चंदेल, उपायुक्त कुल्लू यूनुस, निदेशक कला, भाषा एवं संस्कृति के.के. शर्मा तथा रूसी प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे।