नई दिल्ली,
विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी मॉरीशस के महात्मा गांधी संस्थान में गुरु ग्राम निवासी प्रीति मिश्रा को नवें अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन में 'सहोदरी रत्न'की उपाधि से सम्मानित किया गया।उनका शोध पत्र 'विश्व में हिंदी और हिंदी साहित्य का महत्व'भी प्रकाशित हुआ।
यह अधिवेशन भाषा सहोदरी हिंदी और महात्मा गांधी संस्थान (मॉरीशस) के सहयोग से आयोजित हुआ इस अधिवेशन में करीब २४राज्यों के १२७ भारतीय साहित्यकारों ने तथा मॉरीशस के हिंदी प्रेमी साहित्यकारों ने भाग लिया। अधिवेशन का उद्घाटन मॉरीशस के राष्ट्रपति माननीय पृथ्वीराज सिंह रूपन द्वारा किया गया। उन्होंने अपने भाषण में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया, कि कोरोना संकट में मॉरीशस को भारत से हर संभव सहायता प्रदान की गई थी।
इस अधिवेशन का मुख्य आकर्षण व्याख्यान और काव्य पाठ साथ ही हिंदी पर गहन विचार विमर्श रहा। मॉरीशस के प्रख्यात लेखक रामदेव धुरंधर मुख्य अतिथि,आशीर्वाद रूप अधिवेशन में पूरे समय उपस्थित रहे । उन्होंने सभी वक्ताओं और कवियों को धैर्य पूर्वक सुनाऔर सबका मनोबल बढ़ाया।
अपने भाषण में रामदेव धुरंधर ने बताया कि इफको (इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कॉपरेटिव) से उन्हें साहित्य सेवा के उन्हें ११लाख का पुरुस्कार प्राप्त हुआ है।उनका भारत से गहरा जुड़ाव है ।वह बराबर भारत आते जाते रहते हैं ।
महात्मा गांधी संस्थान ने अपने पुस्तकालय में भारत से आए हुए 15 लेखकों और कवियों की पुस्तकों को सम्मान पूर्वक यह कहकर स्थान दिया कि उनके विद्यार्थी नित नई पुस्तकों की खोज में रहते हैं उनके शोध पत्रों में यह पुस्तकें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी ।
प्रीति मिश्रा ने बताया कि मॉरीशस में हिंदू जनसंख्या बहुतायत में है। हर घर में गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस का पाठ होता है और घर के बाहर महावीर का चौरा विद्यमान है। वहां के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल गंगा तालाब में भारत से गंगा नदी का जल ले जाकर डाला गया है ।जिसके किनारे सभी देवताओं के सुंदर मंदिर स्थापित हैं ।
प्रीति मिश्रा ने डॉ स्मिता मिश्रा और शारदा मित्तल के साथ विश्व हिंदी सचिवालय में डॉ माधुरी रामधारी (उपनिदेशक हिंदी सचिवालय)से भेंट की जहां तीनों साहित्यकारों को सचिवालय दर्शन कराया गया और भेंटस्वरूप पुस्तकें प्रदान की गईं ।एम बी सी रेडियो पर साहित्य दर्पण में लाइव अलका धनपत के साथ साक्षात्कार और काव्य पाठ द्वारा श्रोताओं से जुड़ने का इन तीनों साहित्यकारों को अवसर मिला । हिंदी साहित्य प्रेमियों का मॉरीशस की धरती पर यह संगम अपने आप में अद्भुत रहा ।