आनी,
10 साल का बच्चा जहां खेलकूद और विडीओ गेम्स का शौकीन होता है, मंडी जिला के गोहर का 10 वर्षीय रक्षित गुप्ता भारतीय सेना के जवानों के प्रति देश के हर नागरिक के दिल में बसने वाले सम्मान से प्रेरित था और सेना में अफसर बनना चाहता था।
और अतंतः 30 मार्च 2002 को जन्मे रक्षित गुप्ता ने अपनी मेहनत , परिवार वालों की हरसंभव मदद से 21 वर्ष की आयु में नौसेना में सब लेफ्टीनेंट का पद हासिल कर लिया है। रक्षित 25 नवम्बर को केरल से पास आउट होकर आया है।
उसकी इस उपलब्धि पर परिजनों के अलावा क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है।
बात 2012 की है, जब गोहर के डीएवी स्कूल में 5 वीं तक की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर रहे रक्षित को पिता उमेश गुप्ता और माता नीलम गुप्ता ने उसके, और उसके दादा मुरारी गुप्ता और दादी स्व0 कुसुमलता गुप्ता का सपना पूरा करने की मंशा से सुजानपुर स्थित सैनिक स्कूल भें दिया था।
रक्षित का कहना है कि इतनी छोटी उम्र में ही सैनिक स्कूल में फौजी जैसी जिंदगी जीते जीते कई बार मन मे आया कि वापिस घर चला जाऊं।
लेकिन उस वक्त माता-पिता और मेरे सीनियर्स ने मुझे लगातार प्रेरित और सपोर्ट किया।
नतीजा यह रहा कि रक्षित ने एनडीए की परीक्षा पास कर ली और 2019 में पुणे के खड़कवासला स्थित नेशनल डिफेंस अकादमी 3 साल के लिए जॉइन की।
जिसके बाद एक साल के लिए केरला के एज़हीमला स्थित भारतीय नौसेना अकादमी जॉइन की।
और कड़ी मेहनत और लगन के चलते 25 नवम्बर को रक्षति भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट पास आउट होकर लौटा है।
रक्षित गुप्ता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता,परिवार के सभी सदस्यों, गुरुजनों, दोस्तों और अपने नाना भवानी दत्त गुप्ता और नानी तृप्ता गुप्ता को दिया है।
रक्षित गुप्ता ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि सब कुछ आपके दिमाग मे होता है, कोई भी शारीरिक क्षमता आपको अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने से रोक नहीं सकती।
बस आपको हमेशा प्रेरित रहना है.अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए अपना शत प्रतिशत देना है।