एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) एक गंभीर चिकित्सात्मक स्थिति है जो एचआईवी (HIV) के कारण होती है। यह वायरस इम्यून सिस्टम को हमला करके शरीर की सुरक्षा क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर संक्रमण और बीमारियों का सामना करने में कमजोर हो जाता है। यह कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं:
- गुप्त लक्षण:
- एचआईवी संक्रमण होने के बाद, इंफेक्टेड व्यक्ति को अनुक्रमणिका अवस्था (हीडन) हो सकती है, जिसमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
- बदलते लक्षण:
- समय के साथ, व्यक्ति को अधिक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि बुढ़ापे के साथ वजन कम होना, दिनचर्या में सुधार, सुस्ती, और तेजी से पसीना आना।
- ओपर्च्यूनिस्टिक इन्फेक्शन:
- एड्स के मरीजों में ओपर्च्यूनिस्टिक इन्फेक्शन्स होते हैं, जो कमजोर इम्यून सिस्टम की वजह से होते हैं। इन्हमें प्नेयमोसिस्टिस, कृमिजाला इन्फेक्शन, और टॉक्सोप्लाजमोसिस्टिस शामिल हो सकते हैं।
- उपचार:
- एचआईवी संक्रमण का ठीक से प्रबंधन और उपचार करने के लिए एंटाइरोवायरल थेरेपी (एआरटी) का प्रयोग किया जाता है।
- सही से और स्थायी उपचार से एड्स के लक्षणों को कम किया जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता।
- रोकथाम:
- सुरक्षित सेक्स अभ्यास, नियमित चेकअप, और सावधानी बरतना एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- शुरूआती चरण में ही हिव परीक्षण भी महत्वपूर्ण है ताकि जाना जा सके कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं।
एचआईवी/एड्स के संबंध में संपूर्ण जानकारी के लिए, स्थानीय चिकित्सक से संपर्क करना हमेशा सबसे अच्छा है। वह व्यक्तिगत स्थिति को ध्यान में रख सकता है और सटीक रूप से सलाह दे सकता है।
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डॉ विनोद नाथ
संस्थापक न्यूरो कॉग्निटिव योग
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