आनी,
आउटर सिराज के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बागा सराहन में बैसाख माह के शुभारंभ और हिंदू नव वर्ष की नई रीत का सबसे बड़ा ऐतिहासिक झीरू मेला पर्व पुरानी रीति रिवाज के साथ संपन्न हो गया है। इस मेले में देवता बूढ़ा सरौहणी. मां ब्रह्मचूड़ी और झलैर फ़ाटी के देवता "रियासी नाग" ने अपने दिव्य रथ में सुसज्जित होकर. देव वाद्य यंत्रों की थाप पर. कारकून व देवलुओं संग शिरकत की । मेला कमेटी के सचिव अशोक ठाकुर ने बताया कि इस मेले में देवता की भव्य जलेब यात्रा निकाली गई और पड़ेई का पेड़ दोनों मंदिरों में लगाया गया। मेला मैदान में यहां की ग्रामीण महिलाओं "जाई जन्ति" ने कुल्ल्वी वेशभूषा में धूप जलाकर सूखे मेवे तीनों देवताओं को प्रसाद अर्पित किए। शिव पार्वती के विवाहित रूप में यहां की महिलाओं ने लोक नृत्य किया और ढाई फेरे नृत्य के बाद भव्य नाटी की रस्म निभाई। यह मेला बैसाख हिंदू नव वर्ष नई रीत का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। आज भी यहां पुराने रीति रिवाजों की रस्मों का निर्वाहन किया जाता है।