शिमला,
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आइजीएमसी में न्यूरो सर्जरी विभाग ने जागते हुए मरीज के दिगाम का आपरेशन किया। डाक्टरों का दावा है कि ये अपनी तरह का पहला आपरेशन हिमाचल में हुआ है। आज से पहले मरीजों को इस तरह का आपरेशन करवाने के लिए राज्य से बाहर का आपरेशन करवाने के लिए जाना होता था। अस्पताल के एमएस व न्यूरो सर्जन डा. जनक ने बताया कि मरीज के बाए हिस्से में टयुूमर था। बीमारी की जगह और आपरेशन की जटिलता के चलते मरीज के दाए पेर व बाजू के साथ बोलने की क्षमता खोने का डर था। इस तकनीक से ये आपरेशन करने की यहीं वजह रही। डा. जनक ने कहा कि कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया कोरोना के निपट रही थी, वहीं आइजीएमसी प्रशासन की टीम ने अस्पताल में दी जाने वाली सुविधाओं का भी विस्तार किया है। अस्पताल में इस दौरान इमरजेंसी लाब्रोटरी के साथ सुपरसपेशल्टी कोर्स शुरू किए हैं। न्यूरो सर्जन डा. जनक ने कहा कि ये आपरेशन पूरी तरह से सफल रहा है। इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है।
आपरेशन के दौरान मरीज कर रहा था बात
इस आपरेशन के दौरान मरीज बात भी कर रहा था। अस्पताल की ओर से जारी वीडियो में साफ है कि मरीज को हाथ उठाने के लिए कहा गया तो वो हाथ उठा रहा था। वहीं जीभ बाहर निकालने के लिए कहा तो जीभ भी निकाली। डाक्टरों की एक टीम मरीज के ब्रेन का आरपेशन कर रहे थे, वहीं एक डाक्टर मरीज की मांग पर उसे पानी दे रहा था। अपने आप में राज्य में दिमाग का ये पहला आपरेशन था। डाक्टरों का दावा है कि इस तकनीक के शुरू होने के बाद न्यूरो सर्जरी के दौरान या बाद में एक साइड के सुन्न होने और जुबान बंद होने का खतरा कम हो जाएगा।
ठियोग का रहने वाला है 36 साल का व्यक्ति
ठियोग के रहने वाले 36 साल के व्यक्ति को पहली बार जुलाई में आइजीएमसी लाया गया। पहले इनका इलाज चला, लेकिन दिमाग में ज्यादा दिक्कत होने के कारण सर्जरी करने का फैसला लिया। सर्जरी के दौरान ही कहीं एक तरफ की अपंगता न आए जाए. इसलिए डाक्टरों ने मरीज का आपरेशन इस तरह से करने का फैसला लिया।
जो डाक्टरों ने कहा, वही माना, अब पूरी तरह से स्वसस्थ हूं: मरीज
ठियोग के व्यक्ति ने बताया कि जून जुलाई से परेशानी आनी शुरू हुई थी। पहले इसे हलके में लिया। चौथी बार जब जुलाई में फिर से हुआ तो पत्नी के कहने पर अस्पताल आ गया। यहां पर डाक्टरो ने जांचा। हालत देखने के बाद डाक्टरों ने साफ किया कि सर्जरी करनी होगी, वे भी जागते हुए। डाक्टरों की हर बात मानी, आज पूरी तरह से स्वस्थ हूं।