Saturday, February 22, 2025
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर का जर्मनी प्रवास के दौरान प्रवासी भारतीयों ने अभिनंदन किया।एचआरटीसी निदेशक मंडल ने लगभग 700 बसें खरीदने की मंजूरी दीबेटियां सभ्यता और समाज की अमूल्य धरोहर : कैप्टन रणजीत सिंह राणाउपायुक्त ने जवाहर नवोदय विद्यालय पेखूबेला का किया औचक निरीक्षण, परीक्षा केंद्र और मरम्मत कार्यों का लिया जायजाएलएडीएफ का 10 फीसदी निधि सुख आश्रय और सुख शिक्षा योजना पर होगी खर्च - उपायुक्तग्रामीण विकास विभाग और अल्ट्राटेक सीमेंट ने गैर पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए समझौता ज्ञापन किया हस्ताक्षरितअंतर-सीपीएसयू क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कियाप्रदेश में नशा, अवैध खनन, अपराध चरम पर, सरकार समोसे खोजने में व्यस्त : जयराम
-
देश

सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों के कटान की अनुमति प्रदान की: मुख्यमंत्री

-
Anil K. Jamwal | Bureau Himalayan update 7018631199 | May 19, 2023 01:16 PM
Picture Source Google
Anil K. Jamwal

शिमला ,             


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के वन विभाग के दस वन मंडलों की सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों के कटान की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष इस मामले की पुरजोर वकालत की और इसके फलस्वरूप वन विभाग के पक्ष में निर्णय आया। उन्होंने कहा कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ वन मंडलों में खैर के पेड़ों की कटान के लिए कार्य योजना तैयार की गई है और इन वन मंडलों में प्रति वर्ष 16500 वृक्षों का कटान निर्धारित किया गया है। खैर का कटान शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाहन, पांवटा साहिब, धर्मशाला, नूरपुर और देहरा पांच वन मंडलों के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी इन पांचों वन मंडलों के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए वनों का निरीक्षण करने और खैर के पेड़ों की गिनती की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि खैर के पेड़ों की सिल्वीकल्चर कटाई वन प्रबंधन एवं इनके कायाकल्प के अलावा सरकार के राजस्व सृजन मंे सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि खैर के वृक्षों का समय से कटान नहीं होने के कारण अधिकांश पेड़ सड़ रहे हैं और यह बेहतर वन प्रबंधन की दिशा में एक बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में प्रायोगिक के आधार पर खैर के पेड़ों की कटाई के परिणाम जानने के लिए इसमें पेड़ों की कटाई की अनुमति प्रदान की थी। अब शीर्ष अदालत ने वन विभाग की राय एवं केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा शीर्ष अदालत में प्रस्तुत निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति प्रदान की है।

-
-
Related Articles
Have something to say? Post your comment
-
और देश खबरें
भारत की सुस्त न्याय व्यवस्था: डॉ विनोद नाथ एसजेवीएन के सामाजिक दायित्व नीति के तहत रामपुर आरएचपीएस, बायल द्वारा ग्राम पंचायत दत्तनगर में स्वच्छता जागरूकता शिविर आयोजित बसंत पंचमी: डॉ विनोद नाथ एसजेवीएन फाउंडेशन के सौजन्य से एनजेएचपीएस द्वारा गॉव झाकड़ी में स्वच्छता जागरूकता कैंप आयोजित NJHPS ने 7000 मिलियन यूनिट्स दूसरी सबसे तीव्रता से उत्पादन कर कीर्तिमान किया स्थापित नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन में 76वाँ गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया सीआईएसएफ को मिली पहली महिला बटालियन देव दीवाली और गुरुपर्व: प्रो० विनोद नाथ स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के अंतर्गत, एनजेएचपीएस द्वारा विभिन्न गतिविधियां आयोजित योगिक क्रियाओं के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य: प्रो. विनोद नाथ
-
-
Total Visitor : 1,71,36,088
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy