मंडी ,
सरकाघाट, भांम्बला बतैल सरकाघाट
चंद्रयान 3 मिशन मे शामिल है भांम्बला के वैज्ञानिक विनोद गुलेरिया, भांम्बला गांव में खुशी की लहर…!और साथ में सरकाघाट का नाम भी रोशन किया है।
भारत के चंद्रयान-3 ने साउथ पोल पर सफल लैंडिंग के साथ ही पूरे विश्व भर में इतिहास रच दिया। यह भारत के लिए ही नहीं दुनिया भर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस सफलता पर पूरे देश में हर्षोल्लास का माहौल है। इसी के तहत मंडी जिला के उपमंडल सरकाघाट के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत भांम्बला के विनोद गुलेरिया भी इसरो की इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के सदस्य हैं। सरकाघाट क्षेत्र व उनके गांव भांम्बला में इस समय खुशी का माहौल है। गांववासियों का कहना है कि हमारे लिए यह हर्ष का विषय है कि हमारे गांव से निकली एक शख्सियत आज इसरो में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत है और चंद्रयान 3 परियोजना का हिस्सा रही। विनोद गुलेरिया का जन्म भांम्बला में हुआ है इनकी प्राथमिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय बस्सी व उच्च शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हमीरपुर से हुई उसके पश्चात इन्होनें बीटेक एनआईटी हमीरपुर से किया व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से एमटेक एयरोस्पेस की डिग्री हासिल करने के बाद इनका चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में बतौर वैज्ञानिक हुआ जहां वह 2001 से वैज्ञानिक/ इंजीनियर-एस एफ के पद पर केरल में कार्यरत हैं।
इनके पिता दिलीप सिंह गुलेरिया बीएसएनएल से अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं जबकि माता विद्या देवी गृहणी हैं। इनके बड़े भाई कपिल गुलेरिया शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। वहीं इनके मित्र राजेश वर्मा जो शिक्षक व लेखक हैं उनका कहना है कि भांम्बला क्षेत्र के साथ-साथ पूरे सरकाघाट व प्रदेश के लिए यह गौरवान्वित करने वाली बात है कि क्षेत्र का कोई होनहार युवा देश की महत्वकांक्षी अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए काम कर रहा है। क्षेत्र के युवाओं व प्रदेश के लिए विनोद गुलेरिया प्रेरणास्रोत हैं।