शिमला,
राजकीय भाषायी अध्यापक संघ के राज्य अध्यक्ष हेमराज ठाकुर, महासचिव अर्जुन सिंह, कोषाध्यक्ष ललित कुमार, संघ के संस्थापक नरेन्द्र कुमार शर्मा, महिला मोर्चा की राज्य अध्यक्ष मीरा शर्मा और संयोजक धनवीर सिंह के साथ - साथ सभी जिलों के प्रधानों ने शिक्षा मंत्री हिमाचल सरकार और स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष से सत्र 2024-2025 के लिए बोर्ड से कक्षा आठवीं के लिए प्रदेश भर में आबंटित हिन्दी विषय की पाठ्य पुस्तक " वसंत भाग -3" के सन्दर्भ में स्कूल स्तर तक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है कि इस पुस्तक में यदि " शिक्षक से " वाले प्रारूप को पढ़ा जाए तो 18 पाठ ,कविताएं तथा कहानियां आदि दर्शाए गए हैं और उधर उसी के साथ लगी विषय सूची में मात्र 14 ही पाठ ,कविताएं और कहानियां आदि दर्शाई गई है। इतना ही नहीं जब अन्दर पुस्तक के संपूर्ण क्रम को अद्यांत पढ़ा जाए तो उसमें विषय सूची में क्रमांक 1 पर प्रदर्शित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता " ध्वनि" है ही नहीं।पहला पाठ लाख की चूड़ियां अन्दर दर्शाया गया है,जो विषय सूची में दूसरा पाठ बताया है। ऐसे ही विषय सूची के क्रमांक संख्या 6 पर प्रदर्शित "भगवान के डाकिए" नामक कविता भी अन्दर पुस्तक में है ही नहीं। ठीक इसी प्रकार विषय सूची में क्रम संख्या 11 प्रदर्शित ही नहीं है और अन्दर पुस्तक में 11 नम्बर पर " सूरदास के पद " नामक कवित दी है। इसलिए संघ के अध्यक्ष हेमराज ठाकुर का कहना है कि यदि बोर्ड पुस्तक से कुछ पाठों और कविताओं को हटा कर छात्रों का बोझ कम करने के मूड में है तो भी स्पष्टीकरण जरूरी है और यदि यह प्रिंटिंग गड़बड़ी है तो तब भी बोर्ड और शिक्षा विभाग का स्पष्टीकरण इस सम्बंध में जरूरी है। क्योंकि यह कक्षा आठवीं के छात्रों - अभिभावकों तथा अध्यापकों के लिए एक सवाल बना पड़ा है कि इस पुस्तक का प्रश्न पत्र कैसे बनाया जाएगा और इस पुस्तक के बारे में क्या सही माना जाए?
हेमराज ठाकुर ने यह भी बताया कि यदि बोर्ड पुस्तक की विषय वस्तु को घटाने के मूड में भी था तो भी सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे महान कवि को पाठ्य पुस्तक से हटाना बिलकुल भी ठीक नहीं है। उन्होंने ने बोर्ड और शिक्षा मंत्री जी से इस मामले में तुरन्त प्रतिक्रिया मांगी है ताकि स्कूल स्तर पर इस सन्दर्भ मे शिक्षक आश्वस्त हो सके।