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शिक्षा

हिमाचल प्रदेश राजकीय भाषाई अध्यापक संघ ने 16 नवम्बर 2024 की निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश की अधिसूचना का किया कड़ा विरोध

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ब्यूरो 7018631199 | November 17, 2024 02:04 PM

शिमला,

राजकीय भाषायी अध्यापक संघ के राज्य अध्यक्ष हेमराज ठाकुर, महासचिव अर्जुन सिंह, कोषाध्यक्ष ललित कुमार, संघ के संस्थापक नरेन्द्र कुमार शर्मा, महिला मोर्चा की राज्य अध्यक्षा मीरा शर्मा, सचिव डा तारा और संयोजक धनवीर सिंह के साथ - साथ सभी जिलों के प्रधानों और संघ के समस्त शिक्षकों ने माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश ने जो अधिसूचना 16 नवम्बर 2024 को प्रदेश के उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में गैर शैक्षिक कार्यों का कार्यभार C &V अध्यापकों को सौंपने की अधिसूचना जारी की है; इस सन्दर्भ में सरकार पुनः उचित निर्णय लें। संघ के राज्य अध्यक्ष हेमराज ठाकुर ने बताया कि इस अधिसूचना का विरोध राज्य के हर जिले से सभी C & V अध्यापकों ने उन्हें फोन कर के जताया है और संगठन का नेता होने के नाते उन्हें इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाने का प्रस्ताव भी रखा। हेमराज ठाकुर ने बताया कि यह एक विडम्बना भरी अधिसूचना प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक ने जारी की है, जो किसी भी तरीके से न्यायसंगत और तर्कसंगत नहीं है। ठाकुर ने बताया कि जब हिन्दी और संस्कृत शिक्षक विभाग और सरकार से TGT का वेतन और दर्जा मांगते हैं तो विभाग तर्क देता है कि TGT के पास स्कूलों में अतिरिक्त कार्यभार होते हैं तथा वे विषय भी दो पढ़ाते हैं। इसलिए उन्हें अधिक वेतन दिया जाता है। इधर जब गुणवत्ता शिक्षा की बात आती है तो सारे का सारा बोझ इन्हीं शिक्षकों पर थोपा जा रहा है। हेमराज ने प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक से भी न्यायोचित निर्णय लेने की मांग की है। उनका कहना है कि गुणवत्ता शिक्षा में हिन्दी भी एक विषय है,जिसमें कुछ स्कूलों में छात्रों को हिन्दी भी पढ़नी नहीं आती है। तब तो फिर वहां के लिए भी निदेशक महोदय अलग से अधिसूचना निकाले ।
ठाकुर ने बताया कि TGT आर्ट्स ,नॉन मेडिकल और मेडिकल के परीक्षा परिणाम यदि परख जैसी परीक्षाओं में ठीक नहीं आए हैं तो,उसके लिए स्कूल के अतिरिक्त कार्यों का अधिभार C&V अध्यापकों पर थोपना कहां तक जायज है? उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य का 21वें स्थान पर चले जाना एक चिंताजनक बात है। इसके स्तर को बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश राजकीय भाषाई अध्यापक संघ राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के साथ खड़ा है और अपने कर्तव्यों के प्रति कृत संकल्प है। परन्तु इस तरह के शाही फरमान हरगिज भी मान्य नहीं होंगे। ठाकुर ने कहा कि हमारा संघ राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से बार - बार यह मांग करता आया है कि हिमाचल प्रदेश की गिरती शैक्षणिक गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए सरकार और शिक्षा विभाग के स्तर पर सभी विषयों के पंजीकृत शिक्षक संगठनों की एक राज्य स्तरीय सामूहिक बैठक माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित होनी चाहिए ताकि उसमें गहनता से इन गिरते शैक्षणिक गुणवत्ता के कारणों की खोजा की जा सके और फिर इसे सुधारने के लिए भी कोई प्रभावी रणनीति मिल बैठ कर सर्व समन्वय से निकाली जाए।
हेमराज ने बताया कि यूं मात्र आधिकारिक स्तर पर बिना किसी ठोस समाधान से आनन - फानन में इस सन्दर्भ में निर्णय लेना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। शिक्षा विभाग की मौजूदा व्यवस्था में स्कॉलरशिप जैसे अधिभार वरिष्ठतम टी जी टी के पास ही रहते हैं और C & V वर्ग के अध्यापक भी अपने - अपने अतिरिक्त कार्यों का अधिभार बखूबी स्कूलों में पहले से ही निभाते आए हैं। परन्तु उस पर भी ऐसी अधिसूचना जारी करना कि टी जी टी आर्ट्स, नॉन मेडिकल और मेडिकल को मात्र पढ़ाने का ही कार्य दिया जाए और बाकी अतिरिक्त कार्य C&V संवर्ग के अध्यापकों के लिए दिए जाए,किसी भी सूरत में मंजूर नहीं होगा। हेमराज ठाकुर ने कहा कि C & V अध्यापक भी टीचिंग स्टाफ ही होता है तो उन्हें भी अपना अपना रिजल्ट देना होता है। यदि थोड़ी देर के लिए इस प्रकार की व्यवस्था को मान भी लिया जाए तो क्या फिर C & V अध्यापकों के खराब रिजल्ट आने पर जिम्मेवारी शिक्षा विभाग लेगा? फिर पुनः ठीकरा C&V अध्यापकों पर ही थोपा जाएगा। ठाकुर ने बताया कि एक तो स्कूलों के मुखिया यूं भी C &V वर्ग को ही स्कूलों में अतिरिक्त कार्यों का कार्यभार संभालते हैं और ऊपर से यह अधिसूचना स्कूल मुखियाओं को और ताकत देगी। इसलिए इस अधिसूचना के सम्बन्ध में सरकार और शिक्षा विभाग फिर से उचित विचार करें और ठीक से निर्णय लें।
हेमराज ने बताया कि 20 अगस्त 2022 की सचिव शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार और फरवरी 2023 की प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी की गई बी एड और टैट पास एल टी और शास्त्री का नॉमनिक्लेचर
टी जी टी करने की अधिसूचना को स्कूल मुखिया अभी तक नहीं मान रहे हैं और न ही तो स्वयं शिक्षा विभाग ही मान रहा है। स्कूलों के उपस्थिति रजिस्टर पर अभी भी LT और शास्त्री ही लिखा जाता है और तबादले भी LT और शास्त्री के नाम से ही किए जा रहे हैं। वहां तो विभाग अपने ही आदेशों की और अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करता है। पर 16 नवम्बर 2024 की अधिसूचना को विभाग और स्कूल मुखिया तुरन्त लागू करते हुए नजर आएंगे। ठाकुर ने बताया कि पहले सरकार और विभाग अध्यापकों को उनके वाजिब हक समय पर अदा करें ताकि उनका पूरा फोकस पढ़ाई पर रहे। फिर कहीं अगली बात करें। जब शिक्षकों के वेतन भत्तों की , वेतन वृद्धि या वरीयता की बात होती है तो तब विभाग और सरकार लाख बहाने लगाते हैं। पर जब काम लेने की बात हो तो तब उसी वेतनमान में हर काम ले लेते हैं।

हेमराज ने बताया कि यदि सरकार शिक्षकों को पूर्ण तनावमुक्त रखेगी और गिरते शैक्षणिक गुणवत्ता के कारणों की खोज कर के उन पर गहनता से शिक्षकों के साथ मिलकर काम करेगी तो शिक्षा का स्तर हिमाचल में स्वतः ही उन्नत होगा। ये तरह - तरह के एक्सपेरिमेंट करना सरकार और शिक्षा विभाग छोड़े और शिक्षा विभाग की मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने की बात करें। ठाकुर ने बताया कि गणित और विज्ञान को अमूर्त शैक्षणिक विधि से पढ़ाने, बिना प्रयोग शाला के मात्र आदर्श पाठ विधि से पढ़ाने आदि के कारण आज बच्चा विज्ञान में पिछड़ रहा है तथा गणित को जटिल तरीके से समझने की वजह से गणित में पिछड़ रहा है। वहीं अंग्रेजी विदेशी भाषा होने के कारण उसके व्यवहारिक प्रयोग के अभाव के कारण बच्चा अंग्रेजी में पिछड़ रहा है। हेमराज ने बताया कि अतिरिक्त स्कूल कार्यों का कार्यभार C & V अध्यापकों को सौंपने से यह मामला कतई नहीं सुधरेगा। इसके लिए तो अध्यापकों, अभिभावकों और छात्रों को सामूहिक रूप से प्रयत्न करना होगा। सोशियल मीडिया भी इसके लिए एक सशक्त कारण है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षकों पर अतिरिक्त कार्यभार देने से भी यह स्तर गिरा है पर इसका समाधान विभाग गैर शैक्षिक स्टॉफ स्कूलों को प्रदान कर के करें न कि C &V को बोझ डाले। हेमराज ने बताया कि यह अधिसूचना TGT वर्ग और C&V वर्ग के आपसी सौहार्द और तालमेल को भी स्कूलों में असंतुलित करेगी। इसलिए इसे तुरन्त प्रभाव से वापिस लिया जाना चाहिए। ठाकुर ने कहा कि यह समानता के अधिकार की भी अवहेलना है और शिक्षक वर्ग का भी अपमान है। ऐसा नहीं है कि C&V अध्यापक चार्ज ले नहीं सकते या वे अतिरिक्त कार्यों के दायित्व को निभा नहीं सकते। बात समान कार्यभार की है। हेमराज ने बताया कि C&V अध्यापक हिमाचल के हर स्कूल में हर चार्ज लेता है और उनका निर्वाहन भी पूर्ण दायित्व से करता है। परन्तु इस अधिसूचना ने उनके समूचे वर्ग को शर्मिंदा किया है।हेमराज ठाकुर ने कहा कि ऐसी बातों से शिक्षक आहत होता है और फिर मामले माननीय उच्च न्यायालय तक पहुंचते हैं। इसलिए राजकीय भाषाई अध्यापक संघ का राज्य अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने इस अधिसूचना का अध्यापक हित में कड़ा विरोध अपनी पूरी टीम के साथ जताया है।

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