शिमला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री पर हमलावार होते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू का बयान की वह नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे यह हिमाचल के हितों के साथ कठोर घाट है।
बिंदल के कहा कि नीति आयोग वो संस्था है जीसके अंदर आने वाले समय के अंतर्गत हिमाचल को मीलने वाली सहायता का निर्णय होता है। एसे में मुख्यमंत्री द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना और वो भी तब जब लगातार हिमाचल प्रदेश को केंद्र की पीएम नरेंद्र मोदी सरकार हजारों करोड़ो रु की सहायता निरंतर उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि जीस तेज गति के साथ प्रदेश में फोर लेन, अनेकों टनल के नीरमाण का काम, सड़कों और रेलवे के निर्माण का काम और पेजल योजना की दृष्टि से जो सहायता मिलती है, वह सदैव से बढ़कर के है। इसी प्रकार एक दिन पहले ही संसद में हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि आपदा की दृष्टी से विषेश सहायता हिमाचल प्रदेश को दि जाएगी। जब की आपदा राहत में पहले भी 1782 करोड़ राहत के रूप में केंद्र की मोदी सरकार ने अलग अलग समय पर दिया हिमाचल को दिए है । 11000 मकान गरीबों के लिए, 1000 करोड़ की मनरेगा से विषेश सहायता दी। यह सब होने के बाद भी लगातार 2000 करोड़ प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना का दिया गया और अब पुनः लगभग 1000 करोड़ प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास आए है और एसे समय पर नीति आयोग का बहिष्कार करने हिमाचल के हितों के साथ कठोर घाट करने का काम मुख्यमंत्री कर रहे है। भाजपा इसकी निंदा भी करती है और सुझाव भी देती है की इस प्रकार का काम ना करें।
बजट में सरकार ने गरीबों को रहात देते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया : हर्ष महाजन
पहली बार नौकरी पाने वालों को तोहफा फॉर्मल सेक्टर, बजट में सरकारी की नौ प्राथमिकताएं
शिमला, भाजपा के राज्य सभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि केंद्रीय बजट युवा भारत को और ज्यादा मजबूत बनाने वाला बजट है। गरीब कल्याण, महिला, अन्नदाता उत्थान का जन कल्याणकारी बजट है केंद्र का बजट।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश किया। बजट में सरकार ने गरीबों को रहात देते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से देश के 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बजट में सरकारी की नौ प्राथमिकताएं हैं पहली खेती में उत्पादकता, दूसरी रोजगार और क्षमता विकास, तीसरी समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, चौथी विनिर्माण और सेवाएं, पांचवी शहरी विकास, छठी ऊर्जा सुरक्षा, सातवी अधोसरंचना, आठवीं नवाचार, शोध और विकास और नौवी अगली पीढ़ी के सुधार।