मंडी,
नशे पर अंकुश लगाने के लिए मंडी जिला में ‘‘जीरो-टॉलरेंस’’ पर कार्य किया जा रहा है तथा सप्लाई व डिमांड चेन को तोड़ने के लिए पुलिस तथा प्रशासन मिलकर प्रयास कर रहे हैं, जिसके लिए स्थानीय लोगों का सहयोग भी अपेक्षित है। यह जानकारी उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आज पुलिस लाइन मंडी के सभागार में नार्को समन्वय केंद्र तथा नशामुक्त भारत अभियान की बैठक के शुभारंभ अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में कही।
उन्होंने कहा कि आज का युवा नशे की ओर आसानी से आकर्षित हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों को पुनः मुख्यधारा में लाने के लिए समाज का एक साथ आना जरूरी है। नशे से जहां युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता है, वहीं हमारे समाज के लिए भी यह एक चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने कहा कि मंडी में जन भागीदारी से नशे की इस प्रवृत्ति को दूर करने के लिए एकजुट प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके लिए स्थानीय स्तर पर एसडीएम, डीएसपी, एसएचओ मिलकर मुहिम चला रहे है और जन प्रतिनिधियों से भी सहयोग अपेक्षित रहेगी। उन्होंने कहा कि इस मुहिम में जन प्रतिनिधियों तथा स्थानीय लोगों को जो भी पुलिस और प्रशासन से सहयोग अपेक्षित होगा वह मिलता रहेगा। उन्होंने जिला की सभी संस्थाओं से भी जिला में नशे खिलाफ जीरो टालेंस की नीति अपनाने में सहयोग का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने अभी तक स्कूल गोद नहीं लिये हैं, वह भी शीघ्र स्कूल गोद लें तथा समय-समय पर स्कूल में जाकर बच्चों को नशा न करने बारे प्रोत्साहित करें। उन्होंने सभी विभागों का आह्वान किया कि वह अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान अपने-अपने विभाग के माध्यम से नशा निवारण पर विशेष गतिविधियां चलाएं।
उपायुक्त ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में जाने से रोकने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे तथा उन्हें नशे की बुराईयों तथा इसके मानव जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव बारे जागरूक करना होगा। उन्होंने युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वह नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहें तथा अपनी उर्जा को समाज के नव-निर्माण में लगाएं। उन्होंने अभिभावकों का भी आह्वान किया कि वह बच्चों की दैनिक गतिविधियों व आचार-व्यवहार पर निगरानी बनाए रखें और नशे जैसी बुराई से बचाने पर ध्यान दें तथा उन्हें जागरूक करें।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ0 मदन कुमार ने इस अवसर पर कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि जिला में 4 नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं, जिनमें एक सरकारी तथा 3 निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जन आंदोलन से ही नशे के प्रचलन पर रोक लगाई जा सकती है जिसके लिए जिला प्रशासन जीरो टॉलरेंस पर कार्य कर रहा है।
बैठक को संबोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद ने कहा कि जिला में पुलिस विभाग जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य कर रहा है तथा नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों की प्रॉपर्टी जब्त की जा रही है।
बैठक का संचालन जिला कल्याण अधिकारी समीर ने किया तथा एक वर्ष से चलाई जा रही गतिविधियों का ब्यौरा रखा।
बैठक में उपायुक्त आबकारी वरूण कटोच, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ0 मदन कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी समीर, जिला विकास अधिकारी जी.सी. पाठक, जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय बदरेल, जिला रेडक्रास सोसायटी सचिव ओ.पी. भाटिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।