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टूरिज्म

ऐतिहासिक पर्यटन स्थल तत्तापानी में सुविधाओं का टोटा

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आर एल हरनोट | September 17, 2019 08:44 PM

सरकार कर रही अनदेखी, लोगों में भारी रोष

सुन्नी,

शिमला ग्रामीण के सीमांत क्षेत्र में बसा ऐतिहासिक स्थल तत्तापानी अपना पर्यटन स्वरूप खोने के बाद बदहाल अवस्था में है।किसी जमाने में प्राकृतिक गर्म पानी के स्रोतों के लिए प्रसिद्ध तत्तापानी में न तो लोगों के लिए के लिए कोई सुविधाजनक व्यवस्था हो पाई और न ही पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कोई वैकल्पिक इंतजाम।देश और विदेश में विख्यात रहे तत्तापानी में आज आलम यह है कि क्षेत्र में गंदगी की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है।सरकार एवं प्रशासनिक अमला तत्तापानी में विशाल झील पर जलक्रीड़ा शुरू करने की बात तो करता है परन्तु अभी तक इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाए गए हैं।पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए गर्म पानी के स्त्रोतों में भी खास तब्दीली नहीं आई है।तत्तापानी के लोगों में क्षेत्र के खस्ताहालत पर सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ भारी रोष है।तत्तापानी के निवासियों हेतराम शर्मा ,पूर्व उप प्रधान प्रेम लाल ,पूर्व पंच मनोहर लाल ,संजय शर्मा ,अशोक कुमार ,भगत राम व्यास ने बताया कि लगभग छह वर्ष पूर्व कोलडेम परियोजना शुरू होने से तत्तापानी की धरोहर एवं प्राकृतिक गर्मपानी के स्रोत जलमग्न होकर एक विशाल झील बन गई।जिससे क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया।प्रशासन एवं सरकार हरबार झील में जल क्रीड़ा शुरू करने की बात तो करती है परन्तु वास्तविक स्थिति कोसों दूर है।आलम यह है कि तत्कालीन समय में सरकार द्वारा नरसिंह मन्दिर के समीप बोर किए गए गर्म पानी के कुछ स्रोतों को स्थानीय लोगों ने नहाने योग्य स्नानागार स्वयं तैयार किए।तब से अब तक न तो गर्म पानी के और स्रोत विकसित हो पाए और न ही कोई अन्य योजना क्षेत्र में चल पाई जिससे ततापनी पुनः पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हो तथा लोगों को रोजगार भी मिल सके।यही नहीं मुख्यमंत्री ने जनवरी माह में सजने वाले विशाल मेले को गत वर्ष जिला स्तरीय तो घोषित कर दिया परन्तु अभी तक कोई भी सुविधा प्रदान नहीं हो पाई।मेला मैदान को विकसित करने के भी कोई प्रयास नहीं हुए।उल्टे क्षेत्र में अन्य विकास कार्य भी अधर में है।प्राथमिक विद्यालय का भवन अभी तक नहीं बन पाया है बच्चे आंगनबाड़ी के कमरे में पढ़ाई करते हैं।वहीं बस ठहराव पर गंदगी का आलम बना हुआ है।लोगों ने सवाल किया है कि कुछ वर्षों पहले सासंद रामस्वरूप एवं विधायक तत्तापानी में अव्यवस्था को लेकर धरने पर बैठे थे ।अब दोनों सत्ता का हिस्सा है तो अब क्यों मौन है।

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